Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Apr, 2022 01:35 PM
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) अध्यक्ष जयंत चौधरी का मानना है कि किसी भी राजनीतिक दल में अलग अलग मत होना उस दल में लोकतंत्र के जीवित होने का प्रमाण है। समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान के परिवार...
रामपुर: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) अध्यक्ष जयंत चौधरी का मानना है कि किसी भी राजनीतिक दल में अलग अलग मत होना उस दल में लोकतंत्र के जीवित होने का प्रमाण है। समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान के परिवार से मिलने पहुंचे चौधरी बुधवार को सपा के अंदरूनी बिखराव के मुद्दे पर बोलने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि वह रामपुर में लखीमपुर कांड के मुख्य गवाह से मिलने आए हैं। साथ ही वह आजम के पुत्र अब्दुल्लाह आजम और पत्नी डॉ तंज़ीन फातिमा से मिलने आए हैं। उन्होंने कहा कि किसी दल में अलग-अलग सोच के चलते विभिन्न मत हो सकते हैं, यही लोकतंत्र की अच्छाई है।
उन्होंने कहा ‘‘ आजम खान वरिष्ठ नेता हैं और उनके परिवार से खान परिवार के तीन पीढि़यों के संबंध हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा होनी चाहिए और लोकतंत्र में अलग-अलग राय हो सकती है। एक दल में अलग-अलग सोच हो सकती है और यह आंतरिक लोकतंत्र का प्रमाण है। लोकतंत्र के अगले पड़ाव और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए समझने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बेहतर तरीके से प्रदर्शन किया जा सके।''
चौधरी ने कहा ‘‘ मैं यहां किसी दल या नेता का पक्ष रखने नहीं आया हूं, बल्कि मेरी संवेदना इस परिवार के साथ है। जिस तरीके से इस परिवार को प्रताड़ति किया गया है, यह लोग हिम्मत वाले हैं और लड़ते रहें।'' उन्होंने कहा कि परिवार से आजम खान को लेकर काफी बातचीत हुई है। उनके स्वास्थ्य को लेकर मेदांता में उन्हें जो सुविधाएं प्रशासनिक तौर से राहत मिलनी चाहिए थी और जो उनके मुकदमे चल रहे हैं और उनकी जमानत रिजर्व हो चुकी है बावजूद इसके जिस गति से सुनवाई होनी चाहिए थी, उस गति से नहीं हो पा रही है।