बाराबंकी के रिटायर कर्नल हरिश्चंद्र ने उगाई चिया सीड, PM मोदी ने की तारीफ

Edited By Umakant yadav,Updated: 28 Feb, 2021 07:49 PM

retired farmer colonel harishchandra of barabanki grows chia seeds

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में बाराबंकी के किसान रिटायर कर्नल की जमकर तारीफ की जिन्होंने चीन और अमेरिका में सुपर फ़ूड मानी जानी वाली चिया सीड को बिना किसी सरकारी मदद के अपने संसाधनों के जरिये उगाया।

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में बाराबंकी के किसान रिटायर कर्नल की जमकर तारीफ की जिन्होंने चीन और अमेरिका में सुपर फ़ूड मानी जानी वाली चिया सीड को बिना किसी सरकारी मदद के अपने संसाधनों के जरिये उगाया। चिया सीड की खेती का जिक्र कर मोदी ने रिटायर कर्नल हरिश्चंद की मेहनत को सम्मान दिया। उन्होंने कहा ‘‘ये खेती ना सिर्फ हरिशचंद्र की आय बढ़ाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान भी देगी।''

ऐसा ही सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 जनवरी को मन की बात कार्यक्रम में शौर्य और संस्कार की तपती धरती झांसी में स्ट्रॉबेरी उगाने वाली लॉ की छात्रा गुरलीन चावला का जिक्र कर किया था। तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि लॉ की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है। जो स्ट्रॉबेरी, कभी, पहाड़ों की पहचान थी, वो अब, कच्छ की रेतीली जमीन पर भी होने लगी है, किसानों की आय बढ़ रही है।  प्रधानमंत्री की इस सराहना से गुरलीन चावला आज देश भर में फेमस हुई। सोशल मीडिया पर गुरलीन के प्रयास खूब तारीफ़ हुई थी।

अब हरिश्चंद्र के प्रयास को सोशल मीडिया पर जमकर जगह मिल रही है। सेना से आटिर्लरी कर्नल के पद से वर्ष 2015 में रिटायर होने वाले और वर्तमान में सुल्तानपुर के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी हरिश्चंद्र इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हैं। वह कहते हैं ‘‘ हमारी खेती की सूचना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई, इससे बड़ी बात मेरे लिए क्या हो सकती है। प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में जिक्र होना सम्मान की बात है। और आज मुझे यह सम्मान मिल गया है। '' हरिश्चंद्र के इस कथन में दम है। उनकी मेहनत को सही मायने में आज सम्मान मिला है। वह बताते हैं कि सेना से आटिर्लरी कर्नल के पद से वर्ष 2015 में रिटायर होने के बाद मैंने तीन एकड़ जमीन बाराबंकी की हैदरगढ़ तहसील के सिद्धौर ब्लाक के अमसेरुवा गांव में खरीदी। इस भूमि पर हरिश्चंद्र ने ड्रैगनफ़ूड, ग्रीन एप्पल, रेड एप्पल बेर, काला गेंहू और कई प्रजाति के आलू की खेती करना शुरु किया। और बीते साल नवंबर में पहली बार आधा एकड़ भूमि में चिया सीडी की खेती की।       

हरिश्चंद्र के अनुसार, चिया सीड की खेती चीन में अधिक होती है। यह मूल रूप से मैक्सिको की फसल है। अमेरिका में इसे खाने के लिए खूब उगाया जाता है। इससे लड्डू, चावल, हलवा, खीर, जैसे व्यंजन बनते हैं, जो वीआईपी भोजन में प्रयुक्त होता है। बहुत छोटे से दिखने वाले ये बीज सफेद, भूरे और काले रंग के होते हैं और शरीर को एनर्जी देने के लिए काफी अच्छा एनर्जी स्रोत माना जाता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जिसकी वजह से इनकी मांग काफी ज्यादा है। चिया सीड के इन गुणों और उसकी मांग के आधार पर ही प्रधानमंत्री ने कहा कि ये खेती ना सिफर् हरिश्चंद्र की आय बढ़ाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान भी देगी। उन्होंने बताया कि चिया सीड की खेती से प्रति एकड़ में छह से सात कुंतल उपज प्राप्त होती है। इसकी खेती में प्रति एक एकड़ में बीस से तीस हजार रुपये तक का खर्चा आता है। आधा एकड़ में बीज के लिए उन्होंने इसे उगाया है। अब इस साल ज्यादा क्षेत्र में इसे उगाने की योजना है। नए प्रयोग कर करते हुए खेती -किसानी को नाम कमाने वाले हरिश्चंद्र ने कभी यह नहीं सोच था कि उनकी खेती को प्रधानमंत्री के स्तर से सराहना मिलेगी। 

फिलहाल वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की इच्छा रखते हैं। वह मुख्यमंत्री को बताना चाहते हैं कि किस खेती में किस तरह के नये प्रयोग करते हुए वह काला गेंहू और ड्रैगन फ़ूड और रेड एप्पल बेर तथा ग्रीन एप्पल बाराबंकी की धरती पर उगा रहें हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वह अपने खेत में उगाए एप्पल और रेड एप्पल बेर देना चाहते हैं।

 

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