Edited By PTI News Agency,Updated: 14 Jun, 2022 07:25 PM
लखनऊ, 14 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने ''पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन'' का गठन करने का फैसला किया है।
लखनऊ, 14 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने 'पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन' का गठन करने का फैसला किया है।
मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यहां जारी एक सरकारी बयान के अनुसार पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन के गठन से पीलीभीत बाघ अभयारण्य एवं निकटवर्ती क्षेत्र में पारिस्थितिकी, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास होगा तथा इन क्षेत्रों के प्राकृतिक वातावरण को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखा जा सकेगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और शाहजहांपुर जिलों में स्थित 'पीलीभीत बाघ अभयारण्य' की घोषणा 2014 में सरकार ने की थी। यह भारत-नेपाल सीमा पर ऊपरी गंगा मैदान के तराई क्षेत्र में है।
मंत्रिपरिषद ने फाउंडेशन के संबंध में अन्य फैसलों के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन का गठन भारत सरकार से मिली अनुमति के आधार पर एक ‘समिति’ के रूप में किया जा रहा है।
पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन के नियमों के अंतर्गत इस अभयारण्य के प्रबन्धन हेतु उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति का गठन किया जायेगा। पर्यटकों के प्रवेश शुल्क से प्राप्त धनराशि तथा अन्य सेवाओं से प्राप्त शुल्क, एवं राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से प्रोजेक्ट विशेष से प्राप्त सहयोग फाउंडेशन का संचालन होगा।
एक अन्य फैसले के अनुसार उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मंत्रिपरिषद ने स्थानान्तरण नीति को अनुमोदित कर दिया है और इसके तहत 30 जून तक ही तबादले किये जा सकेंगे। यह स्थानान्तरण नीति केवल वर्ष 2022-23 के लिए है। अधिकारियों द्वारा जिले में तीन वर्ष तथा मण्डल में सात वर्ष पूर्ण किये जाने पर स्थानान्तरण की व्यवस्था की गयी है।
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