सचिवालय में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने वाले गिरोह का STF ने किया भंडाफोड़, 2 गिरफ्तार

Edited By Ramkesh,Updated: 11 Oct, 2020 06:50 PM

police busted gang who got job in secretariat 2 arrested

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को आज गिरफ्तार किया गया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को आज गिरफ्तार किया गया है।  (STF) एसटीएफ के प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ गिरोहों द्वारा बेरोजगार युवकों से सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी के दिलाने के नाम पर ठगी की जा रही है। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमो को अभिसूचना संकलन एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। अभिसूचना संकलन के क्रम में रविवार को मुखबिर से सूचना प्राप्त मिली की सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना देवेश कुमार मिश्र अपने कुछ साथियों के साथ लखनऊ के इन्दिरानगर इलाके में अरविन्दो पार्क के पास किसी से मिलने आने वाला है। 

उन्होंने बताया कि इस सूचना पर पुलस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में उपनिरीक्षक सत्येन्द्र विक्रम सिंह के नेतृत्व एक टीम मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुॅचकर आज सुबह कार सवार हरदोई निवासी देवेश कुमार मिश्र और खीरी निवासी उसके साथी विनीत कुमार मिश्र को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से कूटरचित नियुक्ति पत्र एवं आदेश पत्रों के अलावा अभ्यर्थी के शैक्षिक प्रमाण पत्र,फोटोग्राफ और अन्य कागजात बरामद किए। प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ पर बताया कि उसका एक गिरोह है ,जो बेरोजगार युवकों को सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे पैसा लेते है तथा उनको फर्जी तरीके से तैयार किये सचिवालय में क्लर्क एवं चपरासी के पद का फर्जी नियुक्ति पत्र पर मुख्य सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर उनको नियुक्ति पत्र दे दिया जाता था।

अभ्यर्थियों से गिरोह के सदस्य सचिवालय के बाहर मिलते थे जिससे उनको विश्वास हो जाता था और प्रति अभ्यर्थी क्लकर् के पद के लिए 04 से 05 लाख रूपये व चपरासी पद के लिए 02 से 03 लाख रूपये तक लेते थे। अभ्यर्थियों से मिले पैसों को आपस में बांट लेते हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। गिरफ्तार दोनों लोगों को इन्दिरानगर थाने में दाखिल करा दिया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस कर रही है।  गौरतलब है कि इसी तरह के गिरोह के कुछ सदस्यों को एसटीएफ ने पहले भी गिरफ्तार किया है।

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