Edited By Mamta Yadav,Updated: 19 Sep, 2024 03:07 PM
यूं तो एमबीबीएस की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना हर किसी का सपना होता है और सरकार की तरफ से भी युवाओं के इस सपने को पूरा करने के लिए मदद भी की जाती है। जिसमें एससी-एसटी के साथ अल्पसंख्यक वर्ग यानी ओबीसी को भी कोटा दिया जाता है। जिससे कि वो एमबीबीएस की पढ़ाई...
Meerut News, (आदिल रहमान): यूं तो एमबीबीएस की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना हर किसी का सपना होता है और सरकार की तरफ से भी युवाओं के इस सपने को पूरा करने के लिए मदद भी की जाती है। जिसमें एससी-एसटी के साथ अल्पसंख्यक वर्ग यानी ओबीसी को भी कोटा दिया जाता है। जिससे कि वो एमबीबीएस की पढ़ाई कर डॉक्टर बन सके लेकिन इन सब के बीच मेरठ में एक सनसनीखेज़ मामला सामने आया है, जहां एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए धर्म परिवर्तन दर्शाते हुए कैंडिडेट्स ने खुद का फ़र्ज़ी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र तक बनवा लिया। इस मामले की शिकायत होने पर हड़कंप मचा और मामले की जांच के बाद 6 कैंडिडेट ऐसे निकल कर आए जिन्होंने एमबीबीएस में फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र के जरिए एडमिशन लिया था। जिनका एडमिशन अब कैंसिल किया गया।
दरअसल, एमबीबीएस में एडमिशन के लिए हर छात्र को एक अलग कैटेगरी दी जाती है जिसमें जनरल कैटेगरी के साथ-साथ एससी-एसटी और ओबीसी के छात्र भी अपने-अपने तय कोटे के हिसाब से एमबीबीएस के कोर्स में अप्लाई करते हैं। इसी दौरान एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए मेरठ के सुभारती यूनिवर्सिटी में कैंडिडेट्स ने अप्लाई भी किया लेकिन इस दौरान अनियमितता की शिकायत डीजी हेल्थ से की गई जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और जांच में कुल 6 कैंडिडेट्स ऐसे निकल कर आए जिन्होंने फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनवा रखा था और उसी के सहारे सुभारती यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था। इन छात्रों ने हिंदू धर्म का होने के बावजूद खुद को बौद्ध धर्म का दर्शाते हुए धर्म परिवर्तन की बात कही और उसी के आधार पर अपना अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र तैयार कराया जोकि सरासर गलत है। वहीं इस घटना की शिकायत होने के बाद हड़कंप मचा हुआ था और जांच में दोषी पाए गए सभी 6 कैंडिडेटस जिन्होंने फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनवाया था उनका प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है।
वहीं इस मुद्दे पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रुहेल आज़म का कहना है कि 2021 में सरकार के द्वारा बनाए गए धर्म परिवर्तन कानून का उल्लंघन इन कैंडिडेटस के द्वारा किया गया है जोकि सरासर गलत है और इसी के चलते इन 6 एमबीबीएस के कैंडिडेट्स का अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है। साथ ही साथ इन लोगों के द्वारा एमबीबीएस में लिए गए एडमिशन को भी कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि इस मामले में शासन को पत्र लिखा गया है और दिशा-निर्देश मिलने के अनुसार ही फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी कराने वाले 6 कैंडिडेटस के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है और अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र के नाम पर एमबीबीएस जैसे बड़े कोर्स में एडमिशन लेने वाले घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। अब देखना ये होगा कि फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी कराकर एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले इन 6 कैंडिडेट्स के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।