Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Nov, 2021 01:59 PM

संविधान दिवस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि देश में आज संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसी सरकारों को संविधान दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दलित और आदिवासी...
लखनऊ: संविधान दिवस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि देश में आज संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसी सरकारों को संविधान दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दलित और आदिवासी समाज आज भी वंचित है। इसलिए, बसपा ने संविधान दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है- मायावती
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि SC/ST व OBC वर्गों का ज्यादातर विभागों में आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है। इनके लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है। केंद्र और राज्य सरकारें कानून बनाने के लिए तैयार नहीं है। बीएसपी प्रमुख ने कहा कि आज किसान आंदोलन का भी एक साल पूरा हो गया है। केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को तो वापस लिया है, जो उचित है। अब अन्य मांगों को भी मान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान में देश के कमजोर और उपेक्षित वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है। खास तौर पर शिक्षा और सरकारी नौकरियों के क्षेत्र में। हालांकि, उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर हमारी पार्टी बहुत ज्यादा दुखी है।
सपा जैसी पार्टियों से जरूर सावधान रहना चाहिए- बसपा सुप्रीमो
उन्होंने कहा कि सपा जैसी पार्टियों से जरूर सावधान रहना चाहिए, जिसने एससी और एसटी से संबंधित बिल को सांसद में फाड़ दिया था। गरीब वर्गों के लोगों का आज भी अपने हक के लिए सड़कों पर धरना प्रदर्शन जारी है। केंद्र और राज्य सरकारें प्राइवेट सेक्टरों में आरक्षण के मामले को लेकर तैयार नहीं है। क्या केंद्र और राज्य सरकारें संविधान का पालन कर रही है? ऐसी सरकारों को आज इस मौके पर इन वर्गों के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
देश में आए दिन गरीबी और महंगाई बढ़ रही है...
मायावती ने कहा कि देश में आए दिन गरीबी और महंगाई बढ़ रही है, इससे मध्यम वर्ग के लोग बहुत ज्यादा दुखी हैं। केंद्र व राज्य सरकार इस बात की गहन समीक्षा करें कि क्या सरकार भारतीय संविधान का पूरी ईमानदारी से पालन कर रही? बहुजन समाज पार्टी ने केंद्र व राज्य सरकार की इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का फैसला लिया है।