Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Sep, 2019 11:31 AM
योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश की 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
प्रयागराज: योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश की 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जिसपर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि घोर राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित ऐसेे फैसलों से किसी पार्टी/सरकार का कुछ नहीं बिगड़ता है लेकिन पूरा समाज इससे प्रभावित होता है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘यूपी में 17 ओबीसी जातियों को जबर्दस्ती एससी घोषित करने पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने की खबर आज स्वाभाविक तौर पर बड़ी सुर्खियों में है। घोर राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित ऐसेे फैसलों से किसी पार्टी/सरकार का कुछ नहीं बिगड़ता है लेकिन पूरा समाज इससे प्रभावित होता है। अति-दुर्भाग्यपूर्ण।’
इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा कि योगी सरकार का फैसला गलत है। सरकार को ऐसा फैसला लेने का अधिकार नहीं था। सिर्फ संसद ही एससी-एसटी में बदलाव कर सकती है।
गौरतलब है कि योगी सरकार ने 24 जून को इस मामले में शासनादेश जारी किया था। इसके तहत सरकार ने 17 जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का फैसला किया था। जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की बात की गई थी, उनमें कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी व मछुआ शामिल हैं।