Edited By Pooja Gill,Updated: 21 May, 2023 03:54 PM

Mathura: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर आने वाले के लिए एक ड्रेस कोड जारी किया गया है। यह मंदिर वृंदावन (Vrindavan) के सप्त देवालयों में शामिल ठाकुर राधा दामोदर मंदिर (Thakur Radha Damodar Temple) है, जहां...
मथुराः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा (Mathura) में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर आने वाले के लिए एक ड्रेस कोड जारी किया गया है। यह मंदिर वृंदावन (Vrindavan) के सप्त देवालयों में शामिल ठाकुर राधा दामोदर मंदिर (Thakur Radha Damodar Temple) है, जहां अमर्यादित (छोटे कपड़े) वस्त्र पहनकर दर्शन करने आने वालों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसी को लेकर मंदिर के गेट पर एक बोर्ड लगाया गया। जिसमें पुरुष और महिलाओं के ऐसे कपड़े मंदिर में न पहनकर आने की अपील की गई और उन्हें बताया गया कि मंदिर में फैशनेबल कपड़े पहन कर आने पर सख्त मनाही है।

बता दें कि, मंदिर में यह नियम बनाया गया कि सिर्फ मर्यादित वस्त्रओं पहने भक्तों को ही भगवान के दर्शन करने दिया जाएगा। जिसको लेकर सेवायत पूर्ण चंद गोस्वामी ने अन्य मंदिर संचालकों से भी ऐसे वस्त्र पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं पर रोक लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति और शास्त्रों में मंदिरों में ऐसे वस्त्र पहनकर आना निषेध बताया है। दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों से मंदिरों में मर्यादित वस्त्र पहनकर आने का आह्वान हो रहा है। उधर, बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक ने कहा है कि धार्मिक स्थलों पर अमर्यादित वस्त्र पहनकर नहीं आना चाहिए। मंदिर की परंपरा का ध्यान रखना चाहिए।
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पंचायती मंदिर ठा. राधारमण लाल के पदाधिकारी अनुभूति गोस्वामी ने कहा कि लोगों को धार्मिक स्थल पर अशोभनीय वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। बाकी वह स्वतंत्र हैं कि कब क्या पहनें। यह सनातन संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। वहीं, ठा. राधावल्लभ मंदिर के सेवायत मुकेश बल्लभ गोस्वामी ने अपील का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि, सभी मंदिरों में ऐसा होना चाहिए। मंदिर के अपने नियम होते है अपनी वेशभूषा होती है, देखा जा रहा हैं कि यहां फूहड़पन फैलाया जाता है जिस पर रोक लगनी ही चाहिए।