बहराइच में आदमखोर बाघ पिजंरे में हुआ कैद, खतरा भांप घने जंगल में भागी बाघिन

Edited By Ramkesh,Updated: 28 Jun, 2022 07:16 PM

man eating tiger imprisoned in a cage in bahraich

उत्तर प्रदेश में बहराइच जि़ले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के जंगल से सटे ग्रामीण इलाके में आतंक का पर्याय बना एक बाघ मंगलवार को पिंजड़े में कैद हो गया जबकि बाघिन खतरा भांप कर घने जंगल में निकल गयी। बाघ को रेंज कार्यालय कतर्नियाघाट लाया गया। यहां...

बहराइच: उत्तर प्रदेश में बहराइच जि़ले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के जंगल से सटे ग्रामीण इलाके में आतंक का पर्याय बना एक बाघ मंगलवार को पिंजड़े में कैद हो गया जबकि बाघिन खतरा भांप कर घने जंगल में निकल गयी। बाघ को रेंज कार्यालय कतर्नियाघाट लाया गया। यहां स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। बाघ को पकड़ने के लिए हथिनी डायना, गंगाकली के अलावा चार टीम लगी हुई थी। मुख्य वन संरक्षक स्वयं बाघ और बाघिन के विचरण पर नजर रख रहे थे। पकड़े गए बाघ को वन विभाग लखनऊ चिड़यिा घर में भेजेगा।

वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग की सीमा से सटे मझरा बीट में लगभग 15 दिन से बाघ कई लोगों को निवाला बना रहा था। बीते सोमवार को भी एक महिला को बाघ मारकर खा गया। इसमें दो बहराइच और तीन लोग लखीमपुर के हैं। बाघ और बाघिन द्वारा लगातार लोगों को निवाला बनाने के कारण वन विभाग भी परेशान और बेबस नजर आ रहा था। मुख्य वन संरक्षक कमलेश कुमार ने फील्ड डायरेक्टर को बाघ को पकड़ने के निर्देश दिए।  फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से हथिनी जयमाला, चंपाकली, डायना और गंगाजली को बाघ को पकड़ने के लिए लगाया गया। साथ ही दो स्थान पर पिंजड़ा लगाकर उसने बकरी को बांध दिया गया था। अन्तत: मंगलवार को बाघ पिंजड़े में कैद हो गया। सूचना मिलने पर दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक, कतर्नियाघाट डीएफओ आकाशदीप वधावन, वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार, रेंजर निघासन विमलेश कुमार समेत अन्य लोग पहुंचे।

बाघ को कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय लाया गया। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि डब्लूडब्लूएफ, डब्लूटीआई और पशु चिकित्सक की टीम ने बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद बाघ को भोजन दिया गया। फील्ड डायरेक्टर के अनुसार बाघ को लखनऊ चिड़यिा घर छोड़ा जाएगा। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि रात में बाघिन भी पिंजड़े के निकट आई थी। लेकिन वह कैद नहीं हुई। उसके चित्र थर्मो सेंसर कैमरे में कैद हुई है। फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन उम्र अधिक हो गई है। इसको देखते हुए उसे लखनऊ चिड़यिा घर में रखने का फैसला अधिकारियों ने लिया है। फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि दोनों जिलों की सीमा पर बीते दो वर्ष में काफी हमले हुए हैं। दो वर्ष दोनों जनपद के 20 लोग जान गंवा चुके हैं। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह हमले एक ही बाघ के हैं या नहीं। 

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