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Maha Kumbh Stampede: ‘तबीयत खराब थी तो क्यों लगाई गई ड्यूटी ?, भतीजे ने दरोगा अंजनी राय की मौत पर पुलिस और यूपी सरकार से किए सवाल

Edited By Mamta Yadav,Updated: 03 Feb, 2025 03:17 PM

maha kumbh stampede  if he was unwell why was he put on duty

144 साल के बाद लगने वाला महाकुंभ जिस की व्यवस्था को उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा मुकम्मल होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन एक छोटी सी चूक से मौनी अमावस्या के स्नान वाली रात में भगदड़ ने इस महा आयोजन पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया। इसी महाकुंभ में...

Ghazipur News, (मो०आरिफ): 144 साल के बाद लगने वाला महाकुंभ जिस की व्यवस्था को उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा मुकम्मल होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन एक छोटी सी चूक से मौनी अमावस्या के स्नान वाली रात में भगदड़ ने इस महा आयोजन पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया। इसी महाकुंभ में गाजीपुर के बसूका गांव के रहने वाले और मौजूदा समय में झूसी थाने में तैनात दरोगा अंजनी राय की भी मौत हो गई थी। जिसको लेकर पुलिस के द्वारा तबीयत खराब होने की बात कही गई और उसी से मौत का कारण भी बताया गया। लेकिन अब परिवार के लोग पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। दरोगा अंजनी राय के भतीजे इंद्र भूषण राय ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के बीते हुए करीब 3 से 4 दिन हो गए लेकिन आज तक न पुलिस विभाग के द्वारा और ना ही सरकार के द्वारा परिवार की सुध ली गई, और ना अभी तक कोई संपर्क स्थापित किया। इतना ही नहीं मौत की भी जानकारी विभाग के द्वारा नहीं दी गई।
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भीड़ का दबाव बढ़ने के कारण चाचा की तबीयत खराब हुई और फिर मौत 
भतीजे इंद्र भूषण राय का आरोप है कि अगर उनके चाचा अंजनी राय की तबीयत खराब चल रही थी तो फिर उनकी ड्यूटी महाकुंभ के आयोजन में कैसे लगाई गई थी। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी तबीयत खराब होने की वजह से नहीं बल्कि भगदड़ वाली रात भगदड़ वाली जगह पर ड्यूटी लगी हुई थी और वहां पर भीड़ का दबाव बढ़ने के कारण उनकी तबीयत खराब हुई और उनकी मौत हुई है। इस दौरान उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस के जीडी में 9:12 पर लिखा गया है की ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने के कारण इन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन विभाग के द्वारा किस अस्पताल में और किस डॉक्टर के द्वारा इनका इलाज कराया गया या फिर इलाज के लिए डॉक्टर के द्वारा लिखी गई दवा की पर्ची तक को भी परिवार के लोगों को उपलब्ध नहीं कराया गया जो की इस घटना को दूसरे तरफ इंगित करता है।
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10 बजे चाचा ने भतीजे को फोन कर तबीयत खराब होने की दी जानकारी
उन्होंने बताया कि उनका एक भतीजा इलाहाबाद में रहता है और करीब 10:00 बजे उनके चाचा ने अपने भतीजे को फोन कर बताया कि उनकी तबीयत खराब है और उनकी दवा कोई नहीं करा रहा है। जिसके बाद उनका भतीजा जब पहुंचा तब तक उनकी मौत हो चुकी थी और जहां पर उनका शव रखा हुआ था उसके आसपास पुलिसकर्मी भी सोए हुए थे। लेकिन किसी को पता नहीं था कि अंजनी राय की मौत हो चुकी है। उन्होंने बहराइच के एडिशनल एसपी के द्वारा दिए गए बयान पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि ढाई सौ किलोमीटर दूर बैठे एडिशनल एसपी को कैसे पता कि मेरे चाचा अंजनी राय की मौत पहले से तबीयत खराब होने की वजह से हुई है। जबकि उनकी ड्यूटी कुंभ में लगाई गई थी और यदि उनकी तबीयत खराब थी या कोई बीमारी थी तो उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराया गया।
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शहीद का दर्जा देने की मांग
इंद्र भूषण राय ने कहा कि उनके चाचा की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है और इसमें कोई भी इफ बट की बात नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ के द्वारा महाकुंभ को डिजिटल महाकुंभ बताया जा रहा है तो फिर वह बताएं कि हमारे चाचा की ड्यूटी किस पॉइंट पर लगी थी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि जिस अस्पताल की पुलिस वाले बात कर रहे हैं उस अस्पताल में कोई डॉक्टर भी नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर परिवार को न्याय नहीं मिला तो हाईकोर्ट का सहारा लेते हुए मेला अधिकारी और जो भी संबंधित अधिकारी है उन सभी के खिलाफ पीआईएल दाखिल करेंगे। क्योंकि उनके चाचा की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है और कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिला है। और ना ही सरकार और विभाग के लोग परिवार के लोगों से अभी तक कोई संपर्क स्थापित किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस का जो भी बयान अभी तक आया है वह किसी न किसी दबाव में बयान दिया गया है।
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चाचा के शव के PM के लिए पहुंचे थे तो पास में करीब 10 से 15 शव पड़े थे
राय ने महाकुंभ के हुए भगदड़ को लेकर एक बड़ा खुलासा भी किया है उन्होंने कहा कि जब वह अपने चाचा के शव के पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे थे तो उनके चाचा के शव के पास करीब 10 से 15 शव पड़े हुए थे जबकि उसके पीछे के एक कमरे में करीब 40 से 50 लाश पड़ी हुई थी। जबकि सरकार अभी तक सिर्फ 30 मौत के आंकड़े की ही बात कर रही है तो ऐसे में अन्य जो शव पड़े हुए थे वह किस तरह के शव हैं। उन्होंने बताया कि चाचा के द्वारा मेरे भाई को जानकारी दी गई और मेरा भाई जब पहुंचा तो उनकी मौत हो गई थी। और उसके बाद भी उनके शव को ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया। रात में करीब 9 से 10 बजे के आसपास जब उन्होंने ट्वीट किया तब उसके बाद उन्हें करीब रात 11:00 बजे एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई।

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