Edited By Ramkesh,Updated: 23 May, 2020 06:02 PM
समय चक्र की चाल सचमुच कब क्या गुल खिला दे पता ही नहीं चलता है। लॉकडाउन की बंदिशों के चलते जहां एक तरफ देश में हजारो लोगो ने अपनी शादी की डेट टाल दी...
कानपुर: समय चक्र की चाल सचमुच कब क्या गुल खिला दे पता ही नहीं चलता है। लॉकडाउन की बंदिशों के चलते जहां एक तरफ देश में हजारो लोगो ने अपनी शादी की डेट टाल दी वही कानपुर में इसी लॉकडाउन ने एक गरीब लाचार लड़की की वजह से शादी हो गई। गरीबी की वजह से फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठी लड़की को जो युवक खाना बाटने आ रहा था उसी युवक ने उसकी मांग भरकर उसे अपनी दुल्हन बना लिया। सामजिक सोच बदलने वाली इस शादी को जिसने भी सुना वो तारीफ़ करने लगा।
बता दें कि फुटपाथ पर जिस नीलम को भिखारियों के साथ खाने की राहत बाट रहा है वह एक दिन उससे शादी कर लेगा। नीलम के पिता नहीं है मां पैरालेसिस से पीड़ित है भाई भाभी ने मारपीट कर घर से भगा दिया था। नीलम के पास गुजारा करने को कुछ नही था इसलिए वह लॉक डाउन में खाना लेने के लिए फुटपाथ पर भिखारियों के साथ खाने के लाइन में बैठती थी। अनिल अपने मालिक के साथ रोज सबको खाना देने आता था इसी दौरान अनिल को जब नीलम की मजबूरियों का पता चला तो उसे उससे प्यार हो गया।
गौरतलब है कि अनिल एक प्रापर्टी डीलर के यहां ड्राइवर है उसका अपना घर है माता पिता भाई सब है जबकि नीलम की जिंदगी फुटपाथ पर भीख मांग कर चलती थी। नीलम को तो उम्मीद ही नहीं थी कि कोई उससे भी शादी कर सकता है। इस शादी को मुक़ाम तक पहुंचाने में अनिल के मालिक लालता प्रसाद का सबसे बड़ा योगदान है। नीलम की चर्चा उनसे करता था लालता जी उसकी भावना समझ गए।
उन्होंने उसे समझाया दिन में खाना तो तुम उसे दे आते हो रात में क्या खायेगी इसके बाद अनिल रात में खुद खाना बनाकर कई दिनों तक नीलम को देने जाने लगा इसके बाद लालता प्रसाद ने अनिल के पिता को शादी के लिए राजी किया। भगवान् बुध आश्रम में नीलम की बेजान दुनिया आबाद हो गई इस शादी में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए कई सामजिक लोगो ने शामिल होकर वरवधू को आशीर्वाद दिया।