Edited By Mamta Yadav,Updated: 14 Apr, 2023 01:14 AM
उमेश पाल हत्याकांड में पहली बार माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद का नाम बड़े फलक पर आया है... उमेश पाल की हत्या के दिन से ही प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ असद की तलाश कर रही थी... अब पुलिस ने असद को मुठभेड़ के दौरान गोली मार दी है... ऐसे में ये सवाल...
उमेश पाल हत्याकांड में पहली बार माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद का नाम बड़े फलक पर आया है... उमेश पाल की हत्या के दिन से ही प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ असद की तलाश कर रही थी... अब पुलिस ने असद को मुठभेड़ के दौरान गोली मार दी है... ऐसे में ये सवाल लाजमी है कि आखिर कौन था असद... जिसकी तालाश पुलिस इतनी सिद्दत से कर रही थी... तो बता दें कि करीब एक महीने पहले तक असद अहमद के खिलाफ कोई केस नहीं हुआ था... हालांकि, 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या करने वाले शूटरों के एक गिरोह का कथित रूप से नेतृत्व करने के बाद वो यूपी का मोस्ट वांटेड व्यक्ति बन गया... असद पर उसके परिवार के किसी भी अन्य सदस्य की तुलना में सबसे अधिक 5 लाख का इनाम था...
असद प्रयागराज के माफिया डॉन अतीक अहमद और शाइस्ता प्रवीन की तीसरी संतान है... अतीक चूंकि अपने आपराधिक इतिहास के परिणाम से वाकिफ था, इसलिए उसने असद को अपराध के क्षेत्र में उतरने से रोकने की भी कोशिश की... लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी... उस समय तक असद बम बनाना सीख चुका था... एक बार तो उसे बम बांधते देख खुद अतीक की भी रुहें कांप गई थी... उन्हीं दिनों अतीक की गिरफ्तारी हो गई और इस बीच असद को निखरने का पूरा मौका मिल गया... उसने बहुत कम समय में बम बाज से आगे बढ़कर शार्प शूटर तक का सफर तय कर चुका था... बताया जा रहा है कि अतीक की छाया तले अशरफ, अली, असद आदि उसके आपराधिक कारोबार को धार दे रहे थे... स्थानीय लोगों की माने तो असद अपने बचपन के दिनों में पढाई में काफी होशियार था.... वो बड़ा होकर वकील बनना चाहता था... लेकिन गैंगस्टर पिता की ऐसी छाया पड़ी कि वो अपराधी बनकर रह गया... असद पढ़ाई के लिए विदेश भी जाना चाहता था... लेकिन इसके लिए उसे पासपोर्ट की जरूरत थी, लेकिन परिवार के आपराधिक इतिहास की वजह से उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हो सका... दरअसल माफिया अतीक अहमद के परिवार में तकरीबन हर शख्स अपराध में लिप्त हैं...
पुलिस को अतीक की बीवी शाइस्ता की तलाश है... इसके साथ ही पूरा कुनबा ही अतीक की आपराधिक गतिविधियों में शामिल है... ऐसे में असद की भी क्राइम में एंट्री हो गई... वो पिता के कामों में हाथ बंटाते बंटाते यूपी में आतंक का पर्याय बन गया... असद अपने चाचा अशरफ का सबसे चहेता भतीजा था... चाचा अशरफ ने ही उसे गोली चलाना, कार रेसिंग और घुड़सवारी की ट्रेनिंग दी थी... बता दें कि पिता और चाचा की गैरमौजूदगी में अतीक के दो बड़े बेटे उमर और अली पिछले कुछ सालों से गैंग संचालित कर रहे थे और अपराधों को अंजाम दे रहे थे... इस दौरान असद पढ़ाई कर रहा था... लेकिन जब दोनों बेटों ने आत्मसमर्ण कर दिया... तो असद ही था जिसने अतीक के कारोबार को संभाला और आगे बढ़ाया... लेकिन कहते हैं न की अगर सूरज उगा है तो डूबेगा भी... और आखिरकार आज वो दिन आ गया जब असद का सूरज हमेशा के लिए डूब गया...