जज कैश केस: केन्द्र सरकार ने जस्टिस यशवंत वर्मा के दबादले की दी मंजूरी, HC बार एसोसिएशन की हड़ताल जारी

Edited By Ramkesh,Updated: 28 Mar, 2025 05:00 PM

judge cash case central government approves transfer

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की सिफारिश को केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने सोमवार को इसके लिए केन्द्र सरकार से अनुमति मांगी...

प्रयागराज: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की सिफारिश को केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने सोमवार को इसके लिए केन्द्र सरकार से अनुमति मांगी थी। इसे लेकर अब केंद्र की तरफ से तबादले का रास्ता साफ हो गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन तबादले को लेकर कर रहा विरोध 
वहीं तबादले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वकील तीन दिन से हड़ताल पर है। वकीलो की मांग है कि जस्टिस यशवंत वर्मा पर लगे आरोपों की जांच आम आदमी की तरह हो।  एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि  जस्टिस यशवंत वर्मा के जज बनने के बाद से जितने भी ऑर्डर दिए हैं सभी के रिव्यू किए जाए।

कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की भेजने की सिफारिश
आप को बता दें कि न्यायमूर्ति वर्मा से दिल्ली उच्च न्यायालय ने कामकाज वापस ले लिया था। सार्वजिनक किये गये शीर्ष अदालत के प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘ उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने अपनी बैठकों में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वापस भेजने की सिफारिश की थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कामकाज लिया वापस
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की घटना सामने आई थी। इसके उन से न्यायिक कार्य तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया। उच्च न्यायालय द्वारा जारी एक नोट में यह घोषणा की गई।  उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर वाद सूची से जुड़े एक अन्य नोट में कहा गया कि खंडपीठ-तृतीय का ‘कोर्ट मास्टर' सूचीबद्ध मामलों में तारीखें देगा, जिसका प्रभार न्यायमूर्ति वर्मा के पास था। रजिस्ट्रार (वाद सूची) के नाम से अदालत की वेबसाइट पर जारी नोट में कहा गया, ‘‘हाल की घटनाओं के मद्देनजर माननीय न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य अगला आदेश जारी किए जाने तक तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है।

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