धर्मांतरण के आरोपी मौलाना कलीम के पक्ष में आए जमीयत उलेमा ए हिन्द और कांग्रेस, भड़के मुस्लिम समुदाय के लोग

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Sep, 2021 06:24 PM

jamiat ulema e hind and congress came in favor of maulana kalim

धर्मांतरण (conversion) के मामले में यूपी एटीएस (UP ATS) ने मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। मौलाना पर अनगिनत धर्मांतरण के आरोप हैं। वहीं गिरफ्तार गए मौलाना कलीम सिद्दकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को लेकर...

लखनऊ: धर्मांतरण (conversion) के मामले में यूपी एटीएस (UP ATS) ने मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। मौलाना पर अनगिनत धर्मांतरण के आरोप हैं। वहीं गिरफ्तार गए मौलाना कलीम सिद्दकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को लेकर सियासत शुरू हो गई है। इसी कड़ी में ​कांग्रेस (Congress) व जमीयत उलेमा ए हिन्द (Jamiat Ulema-e-Hind) व मुस्लिम धर्म गुरु उनकी गिरफ्तारी को सरासर गलत बता रहे हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ अन्य लोगों की सोच मौलाना कलीम व उनके समर्थन में आने वाले लोगों के खिलाफ कुछ और ही है।

देवबंद जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष राव मुशर्रफ का मौलाना कलीम प्रकरण पर कहना है कि कांग्रेस देश मे अमन शांति नहीं चाहती तभी मौलाना कलीम की गिरफ्तारी को गलत ठहरा रही है ,जमीयत उलेमा ए हिंद भी मौलाना कलीम को निर्दोष बता रही है ,जबकि ATS को मौलाना के खिलाफ काफी सबूत भी मिले है ।ATS यदि मौलाना कलीम को गिरफ्तार ना करती तो देश मे एक बड़ा दंगा हो सकता था। राव मुसर्रफ का कहना है मौलाना कलीम की हिमायत करने वालो को सब्र करना चाहिए यदि वो दोषी है तो सज़ा मिलेगी यदि नही है तो वो निर्दोष साबित हो ही जाएंगे। 

बता दें कि सिद्दीकी को 21 सितंबर को मेरठ से गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को अदालत में पेश किया गया था और अवैध धर्मांतरण मामले की जांच के लिए उसे 10 दिनों के लिए एटीएस की हिरासत में देने का अनुरोध किया गया था, जिसे अदालत ने बृहस्पतिवार को स्वीकार लिया। उन्होंने बताया कि हिरासत अवधि के दौरान मौलाना सिद्दीकी से उसके संबंधों के बारे में और जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाएगी। एटीएएस की अर्जी पर सुनवाई के दौरान आरोपी जेल से अदालत में उपस्थित हुआ। एटीएस ने 21 सितंबर को मेरठ के जाने-माने इस्लामिक विद्वान सिद्दीकी को कथित तौर पर "सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट" चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एटीएएस की अर्जी पर बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी के कब्जे से मोबाइल फोन तथा सात देशी व विदेशी सिमकार्ड बरामद हुए हैं। 

गौरतलब है कि दिल्ली के जामिया नगर निवासी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को 20 जून को एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था जिसके तीन महीने बाद मौलाना सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है। एटीएस अब तक धर्मांतरण रैकेट के सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, मौलाना सिद्दीकी 11 वां आरोपी है। अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों पर उत्तर प्रदेश विधि विरूध्द धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2020 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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