नौकरी में आवेदन को लेकर हाईकोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणीः गलत जानकारी देना उम्मीदवार के चरित्र को दर्शाता है

Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Jun, 2023 10:20 AM

high court s important comment regarding job application

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक समीक्षा अधिकारी के पद के लिए अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को खारिज करते हुए कहा कि याची को भर्ती समिति द्वारा उचित रूप से अनुपयुक्त किया गया है। उपरोक्त कृत्य याची के पूर्ववृत्त और चरित्र को प्रदर्शित करता है। उक्त टिप्पणी...

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक समीक्षा अधिकारी के पद के लिए अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को खारिज करते हुए कहा कि याची को भर्ती समिति द्वारा उचित रूप से अनुपयुक्त किया गया है। उपरोक्त कृत्य याची के पूर्ववृत्त और चरित्र को प्रदर्शित करता है। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की एकल पीठ ने अभिषेक कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान की।

आपराधिक मामले के बावजूद भी आवेदन पत्र में नहीं किया खुलासा
मौजूदा मामले में याची इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ था कि उसके खिलाफ दो आपराधिक मामले लंबित हैं, लेकिन इसके बावजूद उसने आवेदन पत्र में इसका खुलासा नहीं किया। प्रत्युत्तर हलफनामे में याची ने कहा कि चूंकि साइबर कैफे में व्यक्तियों की मदद से आवेदन पत्र भरा गया था। उनकी असावधानी के कारण उक्त जानकारी आवेदन पत्र में नहीं भरी जा सकी। इस संबंध में यह ध्यान रखना उचित है कि एक उम्मीदवार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह आवेदन पत्र भरते समय निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।

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उम्मीदवार के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले के बारे में जानकारी मांगने का उद्देश्य--
आवेदन पत्र में किसी उम्मीदवार के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले के बारे में जानकारी मांगने का उद्देश्य चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए उम्मीदवार की उपयुक्तता का आकलन करना है, क्योंकि इसका सीधा असर उम्मीदवार के चरित्र और पूर्ववृत्त पर पड़ता है। यदि यह माना जाता है कि याची ने अनजाने में आपराधिक मामलों की लंबितता के बारे में जानकारी प्रस्तुत नहीं की होगी, तो यह भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि याची ने कथित जानकारी को जानबूझकर छुपाया होगा।

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सहायक समीक्षा अधिकारी के लिए किया गया था आवेदन
मामले के तथ्यों के अनुसार दिनांक 17 अगस्त 2021 को सहायक समीक्षा अधिकारी के 350 पदों को भरने के लिए योग्य उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। याची चयन के प्रत्येक चरण में उपस्थित हुआ और उक्त पद के लिए सफल घोषित किया गया। चयन समिति द्वारा एक नोटिस जारी कर याची को दस्तावेज सत्यापन के लिए 06 अप्रैल 2022 को बुलाया गया। याची ने दस्तावेज सत्यापन के दौरान एक हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें उसके खिलाफ आगरा के ताजगंज थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज दो एफआईआर का विवरण दिया गया था।

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