Edited By Ajay kumar,Updated: 15 Feb, 2020 12:30 PM
राज्य योजना आयोग ने बेसिक शिक्षा को पत्र लिख कर कहा है कि शिक्षकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाए। इसके लिए रणनीति बनाई जाए और आयोग को इसकी सूचना दी जाए।
लखनऊ: राज्य योजना आयोग ने बेसिक शिक्षा को पत्र लिख कर कहा है कि शिक्षकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाए। इसके लिए रणनीति बनाई जाए और आयोग को इसकी सूचना दी जाए। नीति आयोग ने पूरे देश में 112 आकांक्षी जिलों को चुना है। ये देश के सबसे पिछड़े जिले हैं। इनमें यूपी के 8 जिले भी शामिल हैं। नीति आयोग इसकी मॉनिटरिंग करता है। आकांक्षी जिलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग निजी संस्था के सहयोग से हो रही है। इसके बावजूद बुनियादी शिक्षा जैसे महकमे में पद खाली हैं।
ग़ौरतलब है कि शिक्षकों की भर्ती इन जिलों के रिक्त पदों को शामिल कर पहले से ही 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है। विभाग 2018 से ही 69000 शिक्षक भर्ती कर रहा है। लेकिन अभी तक यह भर्ती हाईकोर्ट में लम्बित है। इसकी लिखित परीक्षा हो चुकी है। रिजल्ट निकलने के बाद विभाग शिक्षक पद के लिए मेरिट के हिसाब से तैनाती देगा। अभ्यर्थियों का आरोप है कि राज्य सरकार हाईकोर्ट में इस भर्ती की पैरवी मजबूत ढंग से नहीं कर रही है। अभ्यर्थियों ने महाधिवक्ता को हाईकोर्ट में तारीख पर मौजूद रहने के लिए खूब धरना-प्रदर्शन भी किया।
हालांकि शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बताया कि इन पदों को हम अंतरजनपदीय तबादलों और वर्तमान में चल रही भर्तियों से भरेंगे। अंतरजनपदीय तबादलों में हमने नियम बनाया है कि आकांक्षी जिलों से शिक्षक के तबादले तभी होंगे जब वहां उसकी जगह किसी और जिले से शिक्षक स्थानांतरित होकर आएगा। इन जिलों में होगी शिक्षक के पदों पर भर्ती बहराइच 3226,बलरामपुर 3803,चंदौली 2306,चित्रकूट 452,श्रावस्ती 2676,सिद्धार्थनगर 7025,सोनभद ,4778 फतेहपुर 1864 फिलहाल पदों को भरने के लिए विभाग कोई अलग से रणनीति नहीं बना रहा है।