Edited By Mamta Yadav,Updated: 14 Sep, 2024 10:21 PM
पहाड़ों पर हुई तेज बारिश व बैराजों से डिस्चार्ज पानी से उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के कर्नलगंज तहसील इलाके में घाघरा नदी तेज रफ्तार से बढ़कर शनिवार को एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान को पार कर गयी। घाघरा ने करीब 63 सेमी ऊपर बहकर और तरबगंज तहसील क्षेत्र...
Gonda News: पहाड़ों पर हुई तेज बारिश व बैराजों से डिस्चार्ज पानी से उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के कर्नलगंज तहसील इलाके में घाघरा नदी तेज रफ्तार से बढ़कर शनिवार को एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान को पार कर गयी। घाघरा ने करीब 63 सेमी ऊपर बहकर और तरबगंज तहसील क्षेत्र में सरयू नदी लाल निशान को 9 सेंटीमीटर पार कर तटवर्ती करीब बीस गांवों को अपने जद में ले चुकी हैं। दोनों नदियों के रौद्र रूप को देखते हुये बाढ़ की विभीषिका के भय से प्रभावित गांवों के सभी ग्रामीण परिवार खौफजदा हैl
पीड़ित परिवारों को राहत सामग्रियां पहुंचाने के चल रही 38 नावें
बता दें कि जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव के अनुसार, गिरजा,शारदा और सरयू बैराजों से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी से उफनायी घाघरा नदी ने नकहरा, प्रतापपुर, घरकुइया, काशीपुर, रायपुर माझा और तरबगंज तहसील क्षेत्र में सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर ने दुर्गागंज, सोनौली मोहम्मदपुर, ऐली परसौली, परपटगंज, दत्तनगर, साकीपुर, तुलसीपुर, गोकुला, इन्दरपुर, जैतपुर, माझाराठ और महेशपुर समेत करीब बीस गांवों की बीस हजार से अधिक की आबादी को बाढ़ से बचाव के लिये राहत व बचाव कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक बाढ़ से प्रभावित हुये दस गांवों में पीड़ित परिवारों को राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिये 38 नावें चलायी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभावित निचले भागों में बसे गांवों में हजारों हेक्टर कृषि योग्य भूमि व खेतों में जलभराव की स्थिति बढ़ती जा रही हैl प्रभावित गांवों में मवेशियों के चारे की व्यवस्था संग पीड़ित परिवारों को जलजनित रोगों से बचाव के लिये दवाइयां वितरित की जा रही हैl उन्होंने बताया कि ऐतिहातन आसपास के दस अन्य को मिलाकर बीस गांवों में बाढ़ से बचाव को लेकर चेतावनी भी जारी कर दी गयी है।
श्रीवास्तव ने बताया कि सभी सतर्क बाढ़ चौकियां पूर्णरूप से राहत व बचाव कार्य में सक्रिय है। उन्होंने बताया कि घाघरा व सरयू नदियों की तेज ठोकरों व बहाव से एल्गिन-चड़सड़ी, परसपुर-धौरहरा, भिखारीपुर-सकरौर और आदमपुर-रेवली समेत चारों तटबंधों को सुरक्षित रखने के लिये निरंतर मरम्मत कार्य कराया जा रहा है।