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UP के इस जिले में HIV संक्रमण की बाढ़, 85 बच्चे मिले पॉजिटिव... जिला जेल में 11 किन्नर भी पाए गए संक्रमित

Edited By Anil Kapoor,Updated: 12 Mar, 2025 12:15 PM

flood of hiv infection in this district of up 85 children found positive

Mau News: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) सेंटर की फरवरी महीने की रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है। जिसके अनुसार, जिले में 85 बच्चे HIV संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें 83 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं। यह बच्चे उन परिवारों...

Mau News: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) सेंटर की फरवरी महीने की रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है। जिसके अनुसार, जिले में 85 बच्चे HIV संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें 83 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं। यह बच्चे उन परिवारों से हैं जिनके माता-पिता भी HIV से संक्रमित हैं। इसके अलावा, मऊ जिले की जिला जेल में 11 किन्नर भी HIV संक्रमित पाए गए हैं।

जिले में कुल 2,394 HIV संक्रमित मरीज
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में कुल 2,394 HIV संक्रमित मरीज हैं, जिनका उपचार चल रहा है। सीएमओ डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। जिला अस्पताल में स्थित एआरटी सेंटर में संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर के अनुसार, जिले में कुल 1,147 पुरुष, 1,151 महिलाएं, 11 किन्नर और 85 बच्चे HIV से संक्रमित हैं। इनका इलाज स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। काउंसलर वंदना श्रीवास्तव ने बताया कि इन संक्रमित मरीजों में दूसरे राज्यों में वाहन चलाने वाले ड्राइवर भी शामिल हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था में कमी
वहीं, बलिया जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत काफी खराब नजर आ रही है। मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा के गेट पर ताला लटका हुआ था, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह 10:20 बजे तक अस्पताल का गेट बंद था और मरीज चिकित्सकों का इंतजार करते रहे। फार्मासिस्ट वीके शर्मा 10:35 बजे पहुंचे और गेट का ताला खोला, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल में चिकित्सक नहीं पहुंचे।

अस्पताल के बाहर इधर-उधर टहलते रहे मरीज और तीमारदार
अस्पताल के बाहर मरीज और तीमारदार इधर-उधर टहलते रहे। इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण 2005-06 में हुआ था और यह क्षेत्र के तीन लाख लोगों की सेवा के लिए है। अस्पताल में ताला लटका होने के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। मरीजों में शत्रुधन सोनी ने बताया कि वे कुत्ते के काटने का इंजेक्शन लगवाने आए थे, लेकिन अस्पताल बंद था। वहीं, अन्य मरीजों ने भी बुखार और खांसी के इलाज के लिए अस्पताल में आकर ताला लटका पाया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर ब्रजेश राय ने बताया कि वह कोर्ट में गए थे और देर से अस्पताल खुलने की जांच की जाएगी। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि मऊ और बलिया में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की जरूरत है, ताकि लोगों को समय पर उपचार मिल सके।

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