Edited By Pooja Gill,Updated: 15 Sep, 2024 02:46 PM
Flood In UP: उत्तर प्रदेश के पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और लखीमपुर खीरी में बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से कई गांवों बाढ़ की चपेट में आ गए है। शारदा नदी भी पूरी तरह उफान पर है और पलिया से मझगईं और संपूर्णानगर में बाढ़ का कहर बरपा रही है।...
Flood In UP: उत्तर प्रदेश के पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और लखीमपुर खीरी में बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से कई गांवों बाढ़ की चपेट में आ गए है। शारदा नदी भी पूरी तरह उफान पर है और पलिया से मझगईं और संपूर्णानगर में बाढ़ का कहर बरपा रही है। वहीं, सुहेली नदी भी उफनाई हुई है और उसका भी पानी पास के गांव में घुस गया है। इसी तरह मोहाना और घाघरा नदी में भी आई बाढ़ की वजह से 70 गांव प्रभावित हो गए है।
11 जिलों के 70 गांव हैं बाढ़ से प्रभावित
बता दें कि प्रदेश के 11 जिलों के 70 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। गंगा नदी बदायूं (कचरा ब्रिज) में, केन नदी बांदा (बांदा) तथा चम्बल नदी धौलपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। फर्रुखाबाद, गोण्डा, बलिया, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी , जालौन , सीतापुर, देवरिया, बांदा , गौतमबुद्धनगर तथा पीलीभीत जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक तीन हजार 56 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनके सापेक्ष राहत सहायता वितरित की जा चुकी है।
70 से अधिक गांवों में घुस पानी
शारदा, सुहेली, मोहाना और घाघरा नदियां भी उफान पर है। शनिवार को पलिया, बिजुआ, तिकुनिया और धौरहरा इलाके के 70 से अधिक गांवों में घुस गया है। कई गांवों में लोग छतों पर डेरा जमाए हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली और बैलगाड़ी पर पन्नी तानकर गुजारा कर रहे हैं। शारदा नदी का पानी पलिया नगर में प्रवेश कर गया है। पलिया-भीरा मार्ग पर पानी बहने से आवागमन बंद है। उफनाई मोहाना नदी का पानी तिकुनिया क्षेत्र के 12 गांवों में पहुंच गया है।
बाढ़ की वजह से आवागमन भी बंद
पलिया भीरा मार्ग पर आवागमन रविवार को भी बंद है। निघासन मार्ग पर पानी अधिक आ जाने से इस मार्ग पर भी आवागमन बंद कर दिया गया है। दुधवा मार्ग पर बंशीनगर के पास रपटा पुल पर तेज धार में पानी चल रहा है। जबकि सड़क किनारे बंशीनगर गांव के कई घरों में पानी घुस गया है। दुधवा मार्ग पर भी आवागमन बंद है। बाढ़ के कारण पलिया टापू बन गया है। शहर के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसमें मोहल्ला ढाकिन, सुभाषनगर खानकाह, चीनी मिल कॉलोनी, इंद्रानगर आदि मोहल्ले शामिल हैं। जुलाई महीने में बाढ़ के पानी में कटे मैलानी–गोंडा रेल ट्रैक की अभी पलिया भीरा के बीच मरम्मत का कार्य पूरा हो भी नहीं पाया था। अब भीरा के पहले साई मंदिर के आगे इसी ट्रैक पर कटान का खतरा उत्पन्न हो गया है। रपटा पुल के सामने पश्चिम दिशा से पानी का बहाव शुरू हो गया है। रेल लाइन के नीचे से पानी बहने लगा है। जिससे यहां भी रेल ट्रैक कटने का खतरा बढ़ गया है।
पीड़ित परिवारों को राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिए चल रही 38 नावें
गिरजा, शारदा और सरयू बैराजों से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी से उफनायी घाघरा नदी ने नकहरा, प्रतापपुर, घरकुइया, काशीपुर, रायपुर माझा और तरबगंज तहसील क्षेत्र में सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर ने दुर्गागंज, सोनौली मोहम्मदपुर, ऐली परसौली, परपटगंज, दत्तनगर, साकीपुर, तुलसीपुर, गोकुला, इन्दरपुर, जैतपुर, माझाराठ और महेशपुर समेत करीब बीस गांवों की बीस हजार से अधिक की आबादी को बाढ़ से बचाव के लिये राहत व बचाव कार्य कराया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, अब तक बाढ़ से प्रभावित हुए दस गांवों में पीड़ित परिवारों को राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिये 38 नावें चलायी जा रही है।
यह भी देखें...