Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Aug, 2019 12:38 PM
योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के दुरुस्त होने के बड़े-बड़े दावे करती नजर आती है, लेकिन इसकी हकीकत जानकर सबके होश उड़ जाएंगे। ताजा मामला आगरा का है। जहां एक 8 साल की बच्ची अस्पताल के गेट पर तड़पती रही, ले...
आगराः योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के दुरुस्त होने के बड़े-बड़े दावे करती नजर आती है, लेकिन इसकी हकीकत जानकर सबके होश उड़ जाएंगे। ताजा मामला आगरा का है। जहां एक 8 साल की बच्ची अस्पताल के गेट पर तड़पती रही, लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज करने से साफ मना दिया। नतीजा ये निकला कि बच्ची ने इलाज के आभाव से अस्पताल के गेट पर ही दम तोड़ दिया।
अस्पताल के गेट पर तड़पती रही बच्ची
मामला जिले के एसएन मेडिकल कॉलेज का है। यहां 8 साल की बच्ची को कुत्ता काटने के कारण उसका हाइड्रोफोबिया बह गया था। गंभीर हालत में बच्ची के परिजन उससे लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने बच्चा का इलाज करने से मना कर दिया। जिसके बाद बच्ची की अस्पताल के गेट पर तड़प-तड़पकर मौत हो गई।
डॉक्टरों ने नहीं किया इलाज, बच्ची की मौत
मृतक बच्ची के परिवार वालों ने बताया कि अगर समय पर उसका इलाज होता तो बच्ची की मौत नहीं होती। बच्ची की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद डाॅक्टरों के कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
इमरजेंसी स्टाफ और बाल रोग विभाग से मांगी गई रिपोर्ट
इस मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जीके अनेजा का कहना है कि इमरजेंसी स्टाफ और बाल रोग विभाग से इसकी रिपोर्ट मांगी है। जांच के आदेश दिए गए हैं।