डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, बोले- संजय गांधी अस्पताल की घटना दुखद, जांच के बाद हुई कार्रवाई

Edited By Ramkesh,Updated: 21 Sep, 2023 04:21 PM

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संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने की किये जाने के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बृहस्पतिवार को इस कार्रवाई को उचित ठहराया और कहा कि यह कदम स्थानीय स्तर पर जांच के बाद ही उठाया गया है। पाठक ने यहां संवाददाताओं से...

लखनऊ: संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने की किये जाने के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बृहस्पतिवार को इस कार्रवाई को उचित ठहराया और कहा कि यह कदम स्थानीय स्तर पर जांच के बाद ही उठाया गया है। पाठक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अमेठी के संजय गांधी अस्पताल में हुई घटना बहुत दुखद है। वहां एक युवा महिला की जान चली गई। स्थानीय स्तर पर जांच के बाद ही अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई है।'' प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे पाठक ने कहा कि उन सभी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो अवैध रूप से काम कर रहे हैं या मरीजों के इलाज में लापरवाही बरत रहे हैं। 


उन्होंने कहा, ‘‘जो भी अस्पताल अवैध रूप से संचालित हो रहा है और लापरवाही के कारण मरीजों को असामयिक मौत के मुंह में धकेल रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे अस्पतालों को बख्शा नहीं जाएगा।'' सोमवार को अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस कार्रवाई को जनहित में रद्द करने का अनुरोध किया था। उन्होंने दावा किया था कि संजय गांधी अस्पताल अमेठी की जीवन रेखा है और वहां लोगों का बहुत कम शुल्क पर इलाज किया जाता है लिहाजा उसका निलंबन रद्द नहीं करने से क्षेत्र के नागरिकों को बहुत असुविधा हो रही है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, नयी दिल्ली द्वारा अमेठी में संचालित संजय गांधी अस्पताल की अध्यक्ष हैं, जबकि पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके सदस्य हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने हाल में 22 वर्षीय महिला की उपचार के दौरान कथित तौर पर लापरवाही के कारण हुई मौत के मामले में सोमवार को अमेठी के मुंशीगंज इलाके में स्थित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था और ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) और आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी थीं। 

राय ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि अस्पताल पिछले कुछ दशकों से आसपास के क्षेत्रों के लोगों को न्यूनतम शुल्क पर और बिना किसी वित्तीय लाभ के स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है। उन्होंने कहा था, ‘‘अस्पताल अमेठी की जीवन रेखा है। लाइसेंस के निलंबन से ओपीडी, सर्जरी और अन्य विभागों की सेवाओं के लिए आने वाले लाखों लोगों को असुविधा हो रही है।'' इससे पहले, इलाज में लापरवाही से महिला की मौत के मामले में 17 सितंबर को मुंशीगंज थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवधेश शर्मा, जनरल सर्जन डॉक्टर मोहम्मद रजा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्दीकी और डॉक्टर शुभम द्विवेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले के मुताबिक दिव्या नाम की महिला को पेट में दर्द की शिकायत के बाद 14 सितंबर की सुबह उसके परिवार के लोग संजय गांधी अस्पताल ले गए थे। उसके परिवार के लोगों का कहना है कि उसकी जांच करने के बाद डॉक्टर ने उसके पित्ताशय में पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन का सुझाव दिया था। उसी दिन, वह ऑपरेशन से पहले कोमा में चली गई और लखनऊ रेफर किए जाने से पहले उसे 30 घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में रखा गया। दिव्या के पति अनुज शुक्ला ने बताया कि उसकी पत्नी की 16 सितंबर की सुबह करीब चार बजे लखनऊ में मौत हो गई। 

शुक्ला ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उसकी पत्नी को दिल का दौरा पड़ा था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राम प्रसाद के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मरीज दिव्या के इलाज में लापरवाही बरती गई और अगर विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल पहुंचते तो उसे बचाया जा सकता था। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने रविवार को ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा, ‘‘संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला मरीज की मौत के मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए मेरे आदेश के अनुपालन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने तत्काल तीन सदस्यीय टीम के माध्यम से मामले की प्रारंभिक जांच कराई। जांच में पाई गई कमियों के आधार पर ‘क्लिनिकल अधिनियम' के तहत स्पष्टीकरण मांगने के लिए अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए हैं।'' उन्होंने अस्पताल को लापरवाही में शामिल पाए जाने पर लाइसेंस रद्द करने और उसके परिसर को सील करने की चेतावनी दी थी। बाद में सोमवार को अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर आपातकालीन और ओपीडी सेवा पर रोक लगा दी गई थी।

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