Edited By Mamta Yadav,Updated: 23 Jan, 2023 07:00 PM

Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश विधान परिषद (Uttar Pradesh Legislative Council) के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ श्रीरामचरित मानस (Shri Ramcharit Manas) पर विवादित...
लखनऊ, Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश विधान परिषद (Uttar Pradesh Legislative Council) के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ श्रीरामचरित मानस (Shri Ramcharit Manas) पर विवादित टिप्पणी (Controversial Comment) करने के मामले में कार्रवाई की मांग की गयी है। अयोध्या (Ayodhya) के भाजपा नेता (BJP Leader) रजनीश सिंह (Rajneesh Singh) ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) को श्रीरामचरित मानस की एक प्रति डाक से भेजी है, इसके साथ ही एक अन्य भाजपा नेता ने भी मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।

BJP नेता ने अखिलेश को भेजी श्रीरामचरितमानस की एक प्रति
बता दें कि सिंह ने एक बयान में कहा, "मैंने श्रीरामचरितमानस की एक प्रति अखिलेश यादव को इस अनुरोध के साथ भेजी है कि वह इसे पढ़ें। अगर वह इसे नहीं समझ पा रहे हैं, तो मैं अयोध्या से संतों को भेज सकता हूं जो उन्हें मानस के बारे में समझा सकते हैं।" उन्होंने कहा, ''क्योंकि अगर उनके (सपा) नेता इस तरह की अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं तो यह उनकी धार्मिक ग्रंथ के प्रति अनभिज्ञता को भी दर्शाता है।'' उत्तर प्रदेश के भाजपा नेता कुमार अशोक पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में मांग की है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 295 ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया जाए।

स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
पांडेय ने पत्र में कहा है, 'स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर अब नहीं रोका गया तो सस्ते प्रचार के लिए ऐसे नेता हिंदुत्व के खिलाफ बयानबाजी करते रहेंगे, जिसके चलते राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।" अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के आरोप में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर राजधानी के हजरतगंज थाने में अर्जी दी है। गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, ''रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है। यह 'अधर्म' है, जो न केवल भाजपा बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है।''
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, "रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में ‘तेली' और 'कुम्हार' जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं।'' मौर्य ने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन छोड़कर सपा में शामिल हो गये थे। मौर्य ने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। हालांकि बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था।