बुलंदशहर गैंगरेप-हत्या मामला: DCW की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने CM योगी से की कार्रवाई की मांग

Edited By Mamta Yadav,Updated: 07 Jun, 2022 07:32 AM

dcw president swati maliwal demands action from cm yogi

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर राज्य के बुलंदशहर जिले में एक नाबालिग से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। मालीवाल ने...

नई दिल्ली/लखनऊ: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर राज्य के बुलंदशहर जिले में एक नाबालिग से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। मालीवाल ने मुख्यमंत्री से मामले के आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।

डीसीडब्ल्यू ने मामले में कथित रूप से कार्रवाई करने से इनकार करने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। उक्त मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए मामले को अपराध शाखा को सौंपने का अनुरोध करते हुए मालीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ से पीड़ित परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने और पीड़िता के इलाज पर हुए खर्च का भुगतान करने का आग्रह किया। डीसीडब्ल्यू को पीड़िता की मां की ओर से शिकायत मिली थी।

शिकायतकर्ता ने आयोग को सूचित किया कि 12 मई की शाम को वह अपनी दो नाबालिग बेटियों को छोड़कर अपने घर के बाहर गई थीं। कुछ देर बाद जब वह लौटीं तो उन्होंने अपने पड़ोसी की बेटी को अपने दो चचेरे भाइयों के साथ अपने घर से भागते देखा। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने घर में प्रवेश किया तो अपनी बेटी को गंभीर रूप से घायल और अर्धचेतन अवस्था में पाया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी बेटी ने बाद में उन्हें बताया कि लड़कों ने उसके साथ बेरहमी से बलात्कार किया और उसकी पिटाई की।

डीसीडब्ल्यू के मुताबिक, घटना के लगभग चार घंटे बाद बच्ची कोमा में चली गई, जिसके बाद जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर रखा गया था। सोलह मई को पीड़िता को मेरठ के एक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जहां 18 मई को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मालीवाल ने चार जून को नाबालिग के माता-पिता से मुलाकात की। आयोग के मुताबिक, घटना के संबंध में तब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। डीसीडब्ल्यू द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, माता-पिता ने मालीवाल को यह भी बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न का उल्लेख होने के बावजूद पुलिस ने कहा कि चूंकि पीड़िता किसी के साथ ‘रिश्ते' में थी, इसलिए वह आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी।

पीड़िता के माता-पिता ने आयोग को सूचित किया कि 28 मई को उन्होंने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की एक प्रति के साथ बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि बाद में कथित तौर पर उनसे कहा गया कि विसरा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। माता-पिता ने बताया कि वे लोग एक जून को पुलिस अधीक्षक के कार्यालय गए, लेकिन कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। माता-पिता ने आयोग को यह भी बताया कि पीड़िता के इलाज के लिए अस्पताल में नौ लाख रुपये खर्च किये गए, लेकिन दुर्भाग्य से उसे बचाया नहीं जा सका। मालीवाल ने कहा ''मैं हैरान हूं कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 दिन बीत जाने के बावजूद मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। मैंने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पढ़ी है, जिससे पता चलता है कि पीड़िता को कितनी भयानक परीक्षा से गुजरना पड़ा था। उक्त मामले में प्राथमिकी और गिरफ्तारी अनिवार्य है।''

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