Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 12 Mar, 2023 11:20 AM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दांडी नमक सत्याग्रह की 93वीं सालगिरह के मौके पर सत्याग्रहियों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि यह सत्याग्रह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दांडी नमक सत्याग्रह की 93वीं सालगिरह के मौके पर सत्याग्रहियों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि यह सत्याग्रह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है। योगी ने ट्वीट किया ‘‘ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में संचालित ऐतिहासिक‘दांडी नमक सत्याग्रह'की 93वीं वर्षगांठ पर समस्त सत्याग्रहियों को विनम्र श्रद्धांजलि। सविनय अवज्ञा के लिए पहला आह्वान, यह सत्याग्रह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है।''

क्या है नमक सत्याग्रह?
बता दें कि नमक सत्याग्रह के नाम से इतिहास में चर्चित दांडी यात्रा की शुरुआत 12 मार्च,1930 में गांधी जी के नेतृत्व में हुई थी। महात्मा गांधी के द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध किया गया सविनय कानून भंग कार्यक्रम था। यह ऐतिहासिक सत्याग्रह गांधी जी समेत 79 लोगों के द्वारा अहमदाबाद साबरमती आश्रम से समुद्रतटीय गाँव दांडी तक पैदल यात्रा (390 किलोमीटर) करके 6 अप्रैल 1930 को नमक हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून का भंग किया गया था।

भारत में अंग्रेजों के शासनकाल के समय नमक उत्पादन और विक्रय के ऊपर बड़ी मात्रा में कर लगा दिया था और नमक जीवन के लिए जरूरी चीज होने के कारण भारतवासियों को इस कानून से मुक्त करने और अपना अधिकार दिलवाने हेतु ये सविनय अवज्ञा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कानून भंग करने के बाद सत्याग्रहियों ने अंग्रेजों की लाठियां खाई थीं परंतु पीछे नहीं मुड़े। 1930 में गांधी जी ने इस आंदोलन का चालू किया। इस आंदोलन में लोगों ने गाँधी के साथ पैदल यात्रा की और जो नमक पर कर लगाया था उसका विरोध किया गया।