Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 22 Jan, 2023 04:31 PM

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस को पूरी तरह से बै...
लखनऊ: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस को पूरी तरह से बैन करना चाहिए। उसमें सब बकवास है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के कुछ हिस्सों से मुझे आपत्ति है। रामचरितमानस में तुलसीदास ने क्षुद्रों का अपमान किया है। ऐसे में धर्म का नाश हो।

उन्होंने कहा कि तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित करना चाहिए। जिस दकियानूसी सा जीवीहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए। अगर सरकार तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित नहीं कर सकती तो उन शोलोक को रामायण से निकालना चाहिए। जिसमें 52% आबादी वाली जनसंख्या के बारे में गलत बातें लिखी गई हैं।

बता दें कि वर्ष 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के महासचिव रहते हुए भी हिंदू देवी-देवताओं को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने लखनउ में कर्पूरी ठाकुर भागीदारी महासम्मेलन में दलितों से अपील की थी कि वे शादी-ब्याह में गौरी-गणेश की पूजा न करें। उन्होंने कहा था कि यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उन्हें शासक से गुलाम बनाने की चाल है। इतना ही नहीं मौर्य ने कहा, 'मनुवादी लोग सुअर को वाराह भगवान कहकर सम्मान दे सकते हैं। गधे को भवानी, उल्लू को लक्ष्मी और चूहे को गणेश की सवारी कहकर पूज सकते हैं लेकिन शूद्र को सम्मान नहीं दे सकते।