Edited By Ajay kumar,Updated: 14 May, 2023 10:28 PM

लंबे वक्त से अपना वजूद बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस को इस बार निकाय चुनाव में संजीवनी मिल ही गई। न सिर्फ सिरौली नगर पंचायत से कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी की पत्नी चमन ने अध्यक्ष पद काचुनाव जीता बल्कि नगर निगम में भी कांग्रेस...
बरेलीः लंबे वक्त से अपना वजूद बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस को इस बार निकाय चुनाव में संजीवनी मिल ही गई। न सिर्फ सिरौली नगर पंचायत से कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी की पत्नी चमन ने अध्यक्ष पद काचुनाव जीता बल्कि नगर निगम में भी कांग्रेस के टिकट पर जीतकर तीन पार्षद पहुंच गए हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस के एकमात्र प्रत्याशी जप्पू जीतकर पार्षद बने थे लेकिन वह भी सपा में शामिल हो गए थे 1 शहर में इस बार कांग्रेस ने 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से वार्ड नंबर-75 एजाजनगर से इशरत जहां, वार्ड- 71 नई बस्ती से महशर जहां और वार्ड- 28 फरीदापुर चौधरी से महसर खान ने जीत हासिल की है।

सिरौली से चमन सकलैनी ने लहराया कांग्रेस का परचम
इसके अलावा सिरौली नगर पंचायत से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी की पत्नी चमन सकलैनी ने भी जीतकर कांग्रेस का परचम लहराया है। हालांकि मीरगंज नगर पंचायत से कांग्रेस के चेयरमैन इलियास अंसारी को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला ने बताया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन रहा है। लोगों का जुड़ाव अब कांग्रेस से बढ़ने लगा है। नगर निकाय चुनाव में कामयाबी मिली है। अब लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहेगा। प्रत्याशियों की जीत पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने कहा कि सिरौली जबरदस्त जीत हासिल हुई। जनता का हमें भरपूर प्यार मिला।

कांग्रेस के 8 सभासद भी जीते
: कांग्रेस ने नगर पंचायतों में भी सभासद पद के उम्मीदवार खड़े किए थे। नवाबगंज नगर पंचायत से कांग्रेस के तीन सभासद जीते हैं। जिला निकाय प्रभारी पंडित राज शर्मा ने बताया कि आंवला में एक तो मीरगंज में चार समर्थन वाले उम्मीदवार जीते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी ने मजबूती के साथ चुनाव लड़ा था। जिसमे उसका नतीजा सभी के सामने है।
कर्नाटक में कांग्रेस को मिला पूर्ण बहुमत
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और प्रियंका गांधी की लगातार सक्रियता से कर्नाटक में कांग्रेस ने पूरा बहुमत हासिल किया। निकाय चुनाव में प्रदर्शन आशानुरूप तो नहीं रहा मगर कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है।