भीषण गर्मी में डायरिया का शिकार हो रहे बच्चे, डॉ. चौरसिया ने खतरे से बचने के लिए दिए ये सुझाव

Edited By Mamta Yadav,Updated: 16 Jun, 2022 05:03 PM

children falling prey to diarrhea in scorching heat dr chaurasia

उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है और इसका जबरदस्त असर बच्चों पर देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में बच्चे डायरिया का शिकार हो रहे हैं ऐसे मे उनका विशेष ध्यान रखने की दरकार है।

झांसी: उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है और इसका जबरदस्त असर बच्चों पर देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में बच्चे डायरिया का शिकार हो रहे हैं ऐसे मे उनका विशेष ध्यान रखने की दरकार है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ़ ओमशंकर चौरसिया ने गुरूवार को खास बातचीत में कहा कि गर्मी में बच्चों को डायरिया का खतरा बना रहता है और तापमान बढ़ने के साथ साथ इस खतरे की तीव्रता भी बढ़ती जाती है। आजकल भीषण गर्मी का प्रकोप है और बड़ी संख्या में बच्चे डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। मेडिकल के बाल विभाग में 70 से 80 प्रतिशत बच्चे डायरिया का शिकार होने के कारण भर्ती हैं।       

उन्होंने बताया कि बीमारी की इस तीव्रता को देखते हुए बच्चों का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है। गर्मी में बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए द्वि स्तरीय प्रबंधन जरूरी है प्रथम डायरिया से बच्चे को बचाने की व्यवस्था और दूसरा डायरिया होने पर प्रबंधन। जबरदस्त गर्मी में सर्वप्रथम प्रयास करें कि बच्चे को धूप में बाहर निकलने से बचाएं, पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाए, ताजा और घर का बना खाना ही बच्चों को दें, गर्मी के कारण खाने से कतराने पर अगर बच्चा बड़ा है तो उसके भोजन में तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाए हालांकि भोजन में ठोस और तरल पदार्थ के संतुलन को बनाएं रखें। मौसमी फलों की मात्रा या फलों का ताजा निकला जूस भी बेहतर विकल्प हैं लेकिन गर्मी में राहत के लिए सॉफ्टड्रिंक या दूसरे प्रिजरवेटिव वाले पेय पदार्थों से भी बचें।       

अगर बच्चा गर्मी की चपेट में आ गया है और उसे दस्त शुरू हो गये हैं तो ऐसे में बच्चे के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। एक दिन में तीन से अधिक बार दस्त हो तो ओआरएस का घोल बनाकर बच्चे को देना शुरू करें। दो माह से दो वर्ष के बच्चे को एक चौथाई से आधा गिलास और दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को आधा से लेकर एक पूरा गिलास ओआरएस समयान्तराल पर दें। ओरआरएस विशेष सावधानी से बनाना जरूरी है एक ओआरएस के पैकेट को एक लीटर पानी में ही घोलें और इस अब बच्चे को कुछ कुछ दे र के बाद 24 घंटे तक पिलायें।       

डॉ़ चौरसिया ने कहा कि ओआरएस बनाने में सावधान रहें थोड़ा-थोड़ा पाउडर पानी में मिलाकर ओआरएस कभी न बनाएं इससे बच्चे को फायदे की जगह नुकसान हो जाता है। ओआरएस का एक पैकेट पूरा एक लीटर पानी में घोलें और अगर 24 घंटे के बाद भी बच जाए तो उसे फेंक कर नया बनाए लेकिन ओआरएस एक ही बार में पूरा बनायें। इसके साथ दो से छह माह के बच्चे को जिंक की आधी गोली एक कप मां के दूध में मिलकर दें और छह माह से पांच साल के बच्चे को जिंक की एक गोली साफ पानी में घोलकर पीने को दें। एक बार शुरू हुए दस्त 14 दिन तक चल सकते हैं इस दौरान बच्चे में डायरिया की गंभीरता को कुछ शारीरिक लक्ष्णों से भी जांचते रहें। अगर बच्चे की हालत में सुधार न हो, तेज बुखार आये , बच्चा कुछ पीने या स्तनपान में परेशानी आये या बच्चे में डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखायीं दें बच्चा सुस्त दिखे और आंखें धंसी हुई नजर आये ,त्चचा चिकोटी काटने पर अगर जल्दी से वापस नहीं जाए तो बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाए।       

डॉ़ चौरसिया ने कहा कि डायरिया गर्मी में बच्चों के लिए बेहद घातक साबित होता है। जबरदस्त गर्मी के समय बच्चों के साथ पूरी सावधानी बरतें क्योंकि सावधानी ही बचाव है।

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