महिलाएं ही नहीं पुरुष भी होते हैं Breast Cancer का शिकार! इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज, वरना बढ़ जाएगी मुसीबत, अभी हो जाएं अलर्ट

Edited By Purnima Singh,Updated: 21 Jun, 2025 06:26 PM

men can also get breast cancer

आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर को महिलाओं से जोड़कर देखा जाता है लेकिन अब पुरुषों में भी यह खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले यूं तो काफी कम दिखाई देते हैं लेकिन इसे इग्नोर करने से आपकी जान पर बन सकती है .......

UP Desk : आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर को महिलाओं से जोड़कर देखा जाता है लेकिन अब पुरुषों में भी यह खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले यूं तो काफी कम दिखाई देते हैं लेकिन इसे इग्नोर करने से आपकी जान पर बन सकती है। महिलाओं की तरह पुरुषों में भी ब्रेस्ट टिशू होते हैं। जहां पर कैंसर पैदा करने वाले टिशू ग्रो हो सकते हैं। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले कम होने के कारण अक्सर लोग ब्रेस्ट में दिखाई या महसूस होने वाली गांठ या किसी भी संकेत को इग्नोर कर देते हैं। जिससे यह बीमारी तेजी से बढ़ने लगती है। ऐसे में जरूरी है कि पुरुष ब्रेस्ट कैंसर को सिर्फ महिलाओं की बीमारी ना समझें और इस खतरनाक बीमारी की गंभीरता को समझते हुए इनके संकेत, बचाव के तरीके और इस बीमारी के फैलने के कारणों को समझें।

डाक्टरों का क्या है कहना ?  
डॉक्टरों का कहना है  स्तन कैंसर पुरुषों में ब्रेस्ट के नॉन-फंक्शनल मिल्क डक्ट्स, ग्लैंड्स और अन्य टिश्यू में विकसित हो सकता है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों  को इस बारे में जानकारी ही नहीं है। पुरुषों के ब्रेस्ट टिश्यू में गांठ या दर्द होने की आशंका कम होने के चलते आखिरी स्टेज पर इसका पता चलता है, जो घातक साबित होता है। 

ब्रेस्ट कैंसर के कारण 
रेडिएशन थेरेपी के बाद बढ़ सकता है  ब्रेस्ट कैंसर का खतरा  
परिवार में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है तो  इस बीमारी की संभावना ज्यादा
लाइफस्टाइल या कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर 
मोटापा, टेस्टीक्यूलर डिसऑर्डर, जेनेटिक फैक्टर,  हार्मोनल इम्बैलेंस भी इसका मुख्य कारण

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण 
ब्रेस्ट पर पपड़ी जम जाना।
ब्रेस्ट के आकार में बदलाव और दर्द होना
निप्पल का बड़ा, सिकुड़ना या लाल होना।
निप्पल का अंदर की तरफ मुड़ जाना।
ब्रेस्ट में किसी तरह का घाव होना।
आर्मपिट और ब्रेस्ट के आसपास सूजन होना।
 निप्पल डिस्चार्ज । 
स्किन में खुजली होना। 

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज 
सर्जरी के जरिए इसका  इलाज किया जा सकता है।  सर्जरी में ट्यूमर और स्तन के आसपास के ऊतकों को बाहर निकाला जाता है। इसके अलावा आज के दौर में कई बीमारियों के लिए रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी में एक्स-रे और प्रोटॉन की किरणों का उपयोग किया जाता है। इस थेरेपी का इस्तेमाल सर्जरी के बाद भी कई बार किया जाता है।अधिकतर कैंसर रोगियों का इलाज कीमोथेरेपी के जरिए किया जाता है। कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने की दवा दी जाती है। इन कोशिकाओं को मारने के लिए मरीज के बांह की नसों में दवाईयां डाली जाती हैं।
 

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