Edited By Mamta Yadav,Updated: 28 May, 2024 05:47 PM
नौतपा के चलते जहां आसमान से आग बरस रही है और तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है। लोग चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से हलकान और परेशान हैं तो रामनगरी के मंदिरों में विराजमान भगवान की दिनचर्या भी बदल गई है। राममंदिर में विराजमान बालक राम के राग-भोग...
Ayodhya News, (संजीव आजाद): नौतपा के चलते जहां आसमान से आग बरस रही है और तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है। लोग चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से हलकान और परेशान हैं तो रामनगरी के मंदिरों में विराजमान भगवान की दिनचर्या भी बदल गई है। राममंदिर में विराजमान बालक राम के राग-भोग में बदलाव कर दिया गया है। गर्मी से राहत दिलाने के लिए जहां उन्हें सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं तो वहीं भोग में शीतल पदार्थ, दही और फलों का जूस दिया जा रहा है और शीतल आरती हो रही है।
बता दें कि भीषण गर्मी का असर आम जनमानस के साथ-साथ रामनगरी अयोध्या के मठ मंदिरों सहित राममंदिर में भी देखने को मिल रहा है। राम मंदिर में रामलला पांच वर्ष के बालक के रूप में विराजमान हैं। इसलिए ठंडी व गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। इस समय चूंकि नौतपा चल रहा है और गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। इसलिए रामलला को भोग में शीतल व्यंजन दिए जा रहे हैं, उन्हें सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। सुबह पहले दीपों से आरती होती थी, अब चांदी की थाली में चारों तरफ फूल बिछाकर आरती की जाती है। साथ ही भोग में उन्हें सुबह और शाम दही दी जाती है, इसके अलावा फलों का जूस व लस्सी के साथ साथ भोग में मौसमी फल भी शामिल किए जाते हैं।
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में एसी लगाई गई है। भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद माना जाता है कि उनमें प्राण हैं। इसीलिए भोग, शृंगार व विश्राम की व्यवस्था की जाती है। इसी मान्यता के चलते भगवान की मौसम के हिसाब से सेवा भी की जाती है।