BJP ने देवरिया से सत्यप्रकाश मणि को बनाया कैंडीडेट, 4 ब्राह्मणों के बीच मुकाबला

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Oct, 2020 11:57 AM

bjp sp bsp and congress field brahmin candidates

उत्तर प्रदेश के देवरिया सदर विधानसभा के लिये 3 नवम्बर को होने वाला उपचुनाव चार ब्राह्मणों के बीच रोमांचक जंग का गवाह बनने को तैयार है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण होने वाले उपचुनाव में चार प्रमुख दलों भाजपा,...

देवरियाः उत्तर प्रदेश के देवरिया सदर विधानसभा के लिये 3 नवम्बर को होने वाला उपचुनाव चार ब्राह्मणों के बीच रोमांचक जंग का गवाह बनने को तैयार है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण होने वाले उपचुनाव में चार प्रमुख दलों भाजपा, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपने उम्मीदवार के रूप में अभय नाथ त्रिपाठी के नाम का ऐलान किया जिसके बाद कांग्रेस ने विवादित छवि वाले मुकुंद भास्कर मणि को चुनाव मैदान में उतारा जबकि बुधवार को सपा ने पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी को और भाजपा ने प्रकाश मणि के नामों की घोषणा की। हालांकि सपा प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।

भाजपा के प्रभाव वाली इस सीट पर तीन अन्य दलों द्वारा ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने का असर मतदान पर पड़ना तय माना जा रहा है। ब्राह्मण बाहुल्य इस सीट पर अन्य जातियों के मतदाताओं की खासी तादाद है जो निर्णायक भूमिका अदा करेंगी वहीं ब्राह्मण मतों के विभाजन की आशंका अब पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ गयी है। भाजपा के घोषित प्रत्याशी स्तरीय प्रकाश मणि शुरू से ही भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते रहे हैं। वह देवरिया में एक पीजी कालेज में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर हैं। बसपा के उम्मीदवार अभय नाथ त्रिपाठी देवरिया में ही लेखपाल के पद पर कार्यरत रहे थे और सरकारी सेवा से त्याग पत्र देकर राजनीति के क्षेत्र में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

इसके पूर्व भी वे यहां से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं हालांकि उन्हे पराजय का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के उम्मीदवार इन प्रत्याशियों में सबसे कम उम्र के हैं। यह उनका पहला चुनाव है लेकिन उनकी उम्मीदवारी के सवाल पर अभी कुछ दिन पूर्व जिला कांग्रेस का कार्यालय जंग का मैदान बन गया था और मारपीट भी हुई थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर मारपीट और छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराकर कांग्रेस में अंदरूनी कलह का इशारा कर दिया था। सपा ने पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी को यहां से मैदान में उतारा है। पूर्व के चुनावों में ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के खिलाफ कसया विधान सभा में चुनाव लड़ चुके हैं। कभी शाही तो कभी त्रिपाठी बारी बारी से चुनाव जीतते थे। अब देखना है कि ब्राह्मण वोटर किस को अपना समर्थन देकर उनके जीत में रास्ता बनाने का काम करेगा। चार ब्राह्मण उम्मीदवारों के उतरने से से लोग अपना अपना कयास लगा रहे हैं।
 

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