Edited By Ajay kumar,Updated: 31 May, 2023 09:47 AM

भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल बिठाने के लिए एक अभिनव प्रयोग करने जा रही है। अब वह चाय पर चर्चा के बजाय टिफिन मीटिंग शुरू करने जा रही है। इससे कार्यकर्ताओं का असंतोष भी खत्म होगा। इसके तहत पार्टी के...
लखनऊ: भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल बिठाने के लिए एक अभिनव प्रयोग करने जा रही है। अब वह चाय पर चर्चा के बजाय टिफिन मीटिंग शुरू करने जा रही है। इससे कार्यकर्ताओं का असंतोष भी खत्म होगा। इसके तहत पार्टी के जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता चर्चा के दौरान अपने घरों में बने भोजन को एक स्थान पर लाएंगे। वे सभी इस भोजन को ग्रहण करेंगे।

पार्टी कार्यकर्ता हर महीने के आखिरी रविवार को करेंगे टिफिन बैठकें
प्रधानमंत्री के मन की बात रेडियो कार्यक्रम को सुनते हुए पार्टी कार्यकर्ता हर महीने के आखिरी रविवार को टिफिन बैठकें करेंगे। इसके अलावा भाजपा अपने इस अभिनव प्रयोग को महाजनसंपर्क अभियान के दौरान सामने लाएगी। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के 9 साल पूरे होने पर मंगलवार से शुरू होकर 30 जून तक चलेगा।
संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने दिया टिफिन मीटिंग का सुझाव
भाजपा यह सोच राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) के शिविरों से उपजी है। आरएसएस के स्वयंसेवक घर से लाए गए भोजन सभी के बीच वितरित करते हैं। आरएसएस में यह सहभोज के नाम से जाना जाता है। भाजपा में इस विचार को लाने प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह है, जिन्होंने राज्यकार्यकारिणी की बैठक में टिफिन मीटिंग करने का सुझाव दिया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूरे प्रदेश में 1918 संगठनात्मक मंडलों में 30 जून तक इस तरह की टिफिन मीटिंग आयोजित की जाएंगी।

मीटिंग में पार्टी के सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
इन टिफिन मीटिंग में पार्टी के सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। वे पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ता तक को भाजपा की संगठनात्मक कार्ययोजना के बारे में जानकारी देंगे। इसके पार्टी की सोच यह है कि इससे नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच आपसी सदभावना का वातावरण पैदा होगा। सूत्र बताते हैं कि जमीनी स्तर पर अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए भाजपा अपनी बूथ स्तरीय समितियों को शामिल अ कर इस महाजनसंपर्क अभियान अ की शुरुआत करेगी। अभियान ह के दौरान 23 जून को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस ग के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल माध्यम से होने वाले न संबोधन को पार्टी पदाधिकारी, नेता भ तथा कार्यकर्ता क्षेत्रीय जनता के साथ भी बूथ स्तर पर सुनेंगे।