पुलिस को बड़ा झटका, सिमी के पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र को मिली जमानत

Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Sep, 2019 02:18 PM

big shock to police former simi president shahid badr gets bail

गुजरात के कच्छ में दर्ज मुकदमें में सिमी के पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र की गिरफ्तारी के बाद उसे गुजरात ले जाने के प्रयास में जुटी पुलिस को बड़ा झटका लगा है।

आजमगढ़: गुजरात के कच्छ में दर्ज मुकदमें में सिमी के पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र की गिरफ्तारी के बाद उसे गुजरात ले जाने के प्रयास में जुटी पुलिस को बड़ा झटका लगा है। पुलिस ने शाहिद बद्र की ट्रांजिट रिमांड के लिए आज उसे सीजेएम न्यायालय में पेश किया लेकिन दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रिमांड देने से मना कर दिया। सीजेएम आलोक कुमार ने शाहिद बद्र को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतने ही रुपयों के दो जमानतदार देने पर रिहा करने का आदेश दिया है।     

बता दें कि आजमगढ़ जिले के मनचोभा निवासी शाहिद बद्र प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) का संस्थापक सदस्य है। बाद में उसे इस संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। डा. शाहिद बद्र के खिलाफ गुजरात के कच्छ में वर्ष 2001 में भड़काऊ भाषण देने का मामला पंजीकृत हुआ था। 2002 में केंद्र की एनडीए सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था। शाहिद बद्र आज भी संगठन से प्रतिबंध हटवाने के लिए लड़ रहा है। वर्ष 2001 में दर्ज मुकदमें में शाहिद बद्र के खिलाफ अक्टूबर 2012 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। बद्र का सही पता न होने के चलते आज तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। जब उनका पूरा पता चला तो गुजरात पुलिस की चार सदस्यीय टीम भुज ए डिविजन के इंस्पेक्टर युवराज सिंह जडेजा के नेतृत्व में गुरूवार को आजमगढ़ पहुंची और उसे देर शाम गिरफ्तार कर लिया था। गुजरात पुलिस उसे अपने साथ ले जाना चाहती थी। इसलिए उसका ट्रांजिड रिमांड लेने के लिए कोर्ट में पेश किया था लेकिन कोर्ट से उन्हें रिमांड नहीं मिली। 

हमारे खिलाफ वारंट है इसलिए पुलिस ने हिरासत में लिया-शाहिद बद्र 
आरोपी प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहिद बद्र का कहना है कि 2001 में कच्च में भूकंप आया था जहां पर हमने बतौर रिलीफ काम किया। इस दौरान बहुत जगह सभाएं भी हुई थीं। एक सभा में हमने भी हिस्सा लिया और भाषण भी दिया। तभी 2 से 3 महीने बाद सिमी संगठन को प्रतिबंध कर दिया गया। सब को अचानक जेल भेज दिया गया। जहां-जहां से उनके खिलाफ केस थे वहां-वहां से प्रोटैक्शन वारंट आते गए। हमें कस्टडी में रखकर उन तमाम जगह पर लेकर जाया गया। हम तमाम केसों से बेल आउट होते गए। एक दिन गुजरात पुलिस की चार सदस्यीय टीम भुज ए डिविजन के इंस्पेक्टर युवराज सिंह जडेजा के नेतृत्व में गुरूवार को आजमगढ़ पहुंची और उन्हें देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया। फिर उनको पता चला कि उनपर वारंट निकला है और उन्हें थाना ले गए। फिर बड़ी मुशक्कतके बाद वह बाहर निकले हंै। हम जमानत के लिए जाएंगे और हमें उम्मीद है कि हमें जमानत मिलेगी। 

न्यायालय ने जमानत पर छोड़ दिया है-वकील
अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह का कहना है कि पुलिस ने कोर्ट के वारंट के तहत उनको गिरफ्तार किया था और ट्रांजिट रिमांड पर लेना चाहती थी पर सीजेएम न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद रिमांड देने से मना करके जमानत पर छोड़ दिया।

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