Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Oct, 2019 11:01 AM
जहां एक तरफ पूरे भारत वर्ष में दीपोत्सव के शुभ अवसर पर लोग खुशियां मना रहे थे। वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व अधिवक्ता मनीष पांडेय को शनिवार को उनके ही घर में नजरबंद रखा...
अयोध्या: जहां एक तरफ पूरे भारत वर्ष में दीपोत्सव के शुभ अवसर पर लोग खुशियां मना रहे थे। वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व अधिवक्ता मनीष पांडेय को शनिवार को उनके ही घर में नजरबंद रखा गया। पांडेय कार सेवकों के परिवार की मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। संबंधित ज्ञापन को लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के जिम्मेदारों ने उनके आवास पर ही प्राप्त किया, जिसे मुख्यमंत्री के ओएसडी को सौंपा गया। जिसको देखते हुये प्रशासन ने न सिर्फ नजरबंद किया, बल्कि आवास में ही ज्ञापन लेकर लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख के माध्यम से मुख्यमंत्री के ओएसडी को सौंपा गया।
29 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं मिला न्याय
जानकारी मुताबिक मुख्यमंत्री को सौपें ज्ञापन में कहा गया है कि एक बार फिर से यह अवगत कराना है कि 1990 की कार सेवा में हुए गोलीकांड की वजह से अनेक कार सेवक बलिदान हो गए थे। जिसमें 29 वर्ष बीत जाने के बाद भी दुर्भाग्यवश उन कारसेवकों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है। बीते 29 वर्षों में न्याय की आस लिए इन पीडि़त परिवारों की आंखें पथरा गई पर न्याय आज तक नहीं मिल पाया। कारसेवकों के नाम पर नारे तो खूब उछाले गए, बड़ी-बड़ी घोषणाएं भी की गई, उनका नाम भाषणों में लोग विधायक व सांसद बने, लेकिन कभी मुड़कर उन परिवारों की ओर देखने का समय उनके पास नहीं मिला।
अयोध्या में 4 परिवार बदहाल स्थिति गुजारने को मजबूर
वहीं बताया गया कि अयोध्या में चार परिवार ऐसे हैं जो पूरी तरह से बदहाल स्थिति में अपना जीवन गुजारने को मजबूर हैं। इनमें वासुदेव गुप्त, रमेश पांडेय, राजेंद्र धारकर तथा रुदौली तहसील के शुजागंज निवारी रामअचल गुप्ता का है। पांडेय को पुलिस ने शुक्रवार रात से ही बछड़ा सुलतानपुर स्थित उनके आवास पर नजरबंद कर दिया था।