Edited By Ramkesh,Updated: 21 Sep, 2024 08:23 PM
उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस को भ्रष्टाचार मुक्त होते हुए लोगों से बेहतर व्यवहार करने की हिदायत दे रही है लेकिन अधिकारियों के इन आदेशों का थानों में तैनात पुलिस कर्मियों पर असर नहीं पड़ता दिख रहा है और वो खुलकर भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं । एक ऐसा...
मेरठ, (आदिल रहमान): उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस को भ्रष्टाचार मुक्त होते हुए लोगों से बेहतर व्यवहार करने की हिदायत दे रही है लेकिन अधिकारियों के इन आदेशों का थानों में तैनात पुलिस कर्मियों पर असर नहीं पड़ता दिख रहा है और वो खुलकर भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं । एक ऐसा ही सनसनीखेज़ मामला सामने आया है मेरठ में जहां एंटी करप्शन टीम ने 20000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एक दारोगा को रंगेहाथ धर दबोचा । दारोगा का नाम विक्रम सिंह है और वो पीड़ित से मारपीट के झूठे मुकदमे में एफआर लगाने के नाम पर 20000 रुपये की रिश्वत लेते हुए धरा गया।
दरअसल, मेरठ के देहात क्षेत्र के अब्दुल्लापुर निवासी इमरान के खिलाफ थाना भावनपुर में एक मारपीट का मुकदमा दर्ज है जिसमें उसका नाम गलत लिखवाया गया था । इस मामले में महिला दरोगा अर्चना ने नाम निकालने के नाम पर 50000 रुपये की मांग की थी और पीड़ित को दारोगा विक्रम सिंह से बात करने को कहा था जिसके बाद मामला 20000 रुपये में तय हुआ।
दारोगा के द्वारा मांगी गई रिश्वत की शिकायत पीड़ित ने एंटी करप्शन टीम से की तो एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और दारोगा को 20000 रुपये की रिश्वत पीड़ित के द्वारा दिलवाई गई । इसी बीच एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रिश्वत लेते रंगेहाथ धर दबोचा । इस घटना से हड़कंप मच गया और एंटी करप्शन टीम के द्वारा पकड़े जाने पर दारोगा विक्रम सिंह ने भागने का प्रयास भी किया लेकिन एंटी करप्शन टीम रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए दारोगा को लेकर थाना सिविल लाइंस ले आई जहां रिश्वतखोर दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए कारवाई की जा रही है ।