Edited By Imran,Updated: 09 Oct, 2024 03:44 PM
जिले में भाजपा विधायक योगेश वर्मा की पिटाई को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रिएक्ट करते हुए कहा है कि अन्याय हिंसा को जन्म देता है। कोऑपरेटिव चुनाव में विधायक द्वारा की गई धांधली से क्रोधित हुए लोगों द्वारा जो शारीरिक गतिविधि (मारपीट) की गई है वो...
लखीमपुर खीरी: जिले में भाजपा विधायक योगेश वर्मा की पिटाई को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रिएक्ट करते हुए कहा है कि अन्याय हिंसा को जन्म देता है। कोऑपरेटिव चुनाव में विधायक द्वारा की गई धांधली से क्रोधित हुए लोगों द्वारा जो शारीरिक गतिविधि (मारपीट) की गई है वो चर्चा का विषय बन गई है। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि ऐसी परिस्थितियों का उत्पन्न होना लोकतंत्र के लिए शर्मनाक स्थिति है। वैसे भी चुनाव में धांधली बीजेपी की रणनीति बन गई है, जो बेहद निंदनीय है।
दरअसल, यह घटना उस समय हुई जब विधायक ने अर्बन कॉपरेटिव बैंक चुनाव के दौरान मतदाता सूची फाड़ने पर अपनी आपत्ति जताई थी। स्थानीय स्तर पर चल रहे अर्बन कॉपरेटिव बैंक चुनाव के दौरान योगेश वर्मा ने जब मतदाता सूची को फाड़े जाने का विरोध किया, तो इस पर विवाद बढ़ गया। विवाद बढ़ने के बाद बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह ने विधायक पर हमला कर दिया। यह घटना सीधे पुलिस के सामने हुई, लेकिन पुलिस ने इस दौरान केवल मूक दर्शक बनकर सब कुछ देखा।
वहीं, इस घटना को लेकर पुलिस के लिए लोगों के बीच आक्रोश हो गया, कई लोगों का कहना है कि जब पुलिस मौजूद थी, तो उसे इस प्रकार की घटना को रोकना चाहिए था। जनता ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से कानून-व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस घटना के बाद स्थानीय राजनीतिक नेताओं और नागरिकों ने योगेश वर्मा के समर्थन में आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि ऐसी हिंसा का राजनीतिक कारण नहीं होना चाहिए। सभी दलों को एक साथ आकर इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
घटना पर प्रशासन ने क्या कहा
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर फिलहाल प्रशासन ने जांच करने के आदेश दिए हैं। विधायक योगेश वर्मा का आरोप है कि उनके साथ जानबूझकर हमला किया गया और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि घटना की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लखीमपुर में विधायक योगेश वर्मा की पिटाई ने एक बार फिर राजनीतिक हिंसा और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। यह घटना न केवल स्थानीय राजनीति में उथल-पुथल का कारण बनी है, बल्कि यह लोगों के मन में पुलिस और प्रशासन के प्रति अविश्वास भी पैदा कर रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।