Edited By Imran,Updated: 08 Feb, 2024 05:04 PM
लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत चरम पर है। सबसे ज्यादा चर्चा RLD प्रमुख जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने की है। इन्हीं हलचल के बीच सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया है कि 12 फरवरी को RLD प्रमुख जयंत चौधरी NDA का हिस्सा बन...
UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत चरम पर है। सबसे ज्यादा चर्चा RLD प्रमुख जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने की है। इन्हीं हलचल के बीच सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया है कि 12 फरवरी को RLD प्रमुख जयंत चौधरी NDA का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव से कोई खुश नहीं है हर कोई खफा चल रहा है।
वहीं वाराणसी दौरे पर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी दलों को तोड़ना और खरीदना जानती है। किसको कब अपने पाले में लेना है, कब किसके पास ईडी, आईटी भेजना है, ये सब उनको पता है। बीजेपी बेईमानी करना भी जानती है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हम सबने देखा है।
पांडवों ने 5 गांव मांगा था...लेकिन हम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काशी, मथुरा वाले बयान बयानों पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग संविधान को मानने वाले लोग हैं। हमारे लिए कोर्ट सबसे बड़ा है। कोई क्या कहता है इससे फर्क नहीं पड़ता। इसके अलावा सीएम योगी के कौरव और पांडव वाले बयान का जवाब देते हुए सपा मुखिया ने कहा कि आखिर ये कौन तय करेगा कौन पांडव है। कौन कौरव है, हमारे लिए संविधान और कोर्ट सर्वोपरि है, सीएम क्राइम, करप्शन और बेरोजगारी पर नहीं बोलते। इन सवालों का जवाब कौन देगा।
जयंत पढ़ें लिखे नेता है- अखिलेश
गौरतलब है कि इससे पहले जयंत चौधरी के मामले में अखिलेश यादव ने कहा था- जयंत जी बहुत सुलझे हुए नेता हैं, वे राजनीति को समझते हैं, मुझे उम्मीद है कि किसानों की लड़ाई के लिए जो संघर्ष चल रहा है, वे उसे कमज़ोर नहीं होने देंगे। बता दें कि बुधवार को विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी ने अखिलेश पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का जिक्र किया। लगे हाथों काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद की तरफ भी इशारा किया।
जयंत का भाजपा में जाना लगभग तय
प्रदेश में उठ रहे सियासी लहरों से अनुमान लगाया जाए तो राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी का भाजपा में शामिल होने लगभग तय माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। वहीं अभी भी अधिकारिक तौर पर किसी भी पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।