लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद अखिलेश यादव बन सकते है नेता प्रतिपक्ष

Edited By Imran,Updated: 23 Mar, 2022 06:21 PM

akhilesh can become leader of opposition after resigning from lok sabha

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी की सियासत के लिए अपनी भूमिका तय कर ली। उन्होंने आजमगढ़ से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और मैनपुरी की करहल सीट से बतौर विधायक यूपी के अखाड़े में राजनीति करने का निर्णय सार्वजनिक कर दिया।

लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी की सियासत के लिए अपनी भूमिका तय कर ली। उन्होंने आजमगढ़ से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और मैनपुरी की करहल सीट से बतौर विधायक यूपी के अखाड़े में राजनीति करने का निर्णय सार्वजनिक कर दिया। 

संकेत हैं कि लोकसभा की सदस्यता छोड़ने के बाद अखिलेश ही अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका संभालेंगे। अगर ऐसा होता है तो लगभग 13 साल बाद कोई पूर्व मुख्यमंत्री विधानसभा में सरकार के खिलाफ विपक्षी मोर्चा संभालेगा।माना जा रहा है कि यह फैसला उन्होंने 2024 के चुनाव की जमीनी तैयारियों के लिए किया है। वही बुधबार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी गुंडागर्दी और गुंडों का सहारा लेकर लोकतंत्र को खत्म कर रही है।चुनाव में अपने बहुमत के लिए भाजपा गुंडई पर उतर आई है। पंचायत चुनाव में बीजेपी ने इसी तरह का कार्य किया था और अब विधान परिषद के चुनाव में एटा में भी यही किया है। यादव ने कहा कि डीएम और एसपी भाजपा कि नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिले हुए हैं तभी एटा में इस तरह की घटना हुई है। 

समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया की जयंती के अवसर पर यहां लोहिया पार्क में आयोजित कार्यक्रम में माल्यार्पण के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को संघर्ष का जनादेश मिला है।समाजवादी पार्टी जनता के मुद्दों और समस्याओं को लेकर सदन से सड़क तक संघर्ष करेगी। एक सवाल के जवाब में सपा सुप्रीमो ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार कहती है कि डीजल और पेट्रोल पर उसका नियंत्रण नहीं है तो चुनाव के समय दाम क्यों नहीं बढ़ते हैं।चुनाव खत्म होने के बाद कंपनियां मुनाफा क्यों कमा रही हैं। डीजल पेट्रोल से होने वाला मुनाफा बड़े.बड़े उद्योगपतियों की जेब में जा रहा है। योगी सरकार के शपथ ग्रहण को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष  ने कहा कि यह कोई नई सरकार नहीं है यह कंटिन्यू की सरकार है।

अखिलेश यादव ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया ने जो सिद्धांत और जो रास्ता दिखाया था समाजवादी पार्टी होनी सिद्धांतों पर चलते हुए समाज और देश के लिए काम कर रही है। आजादी की इतने सालों बाद भी बड़ी संख्या में दलित पिछड़े और अल्पसंख्यकों को उनका हक और सम्मान नहीं मिला है। डॉ राम मनोहर लोहिया के जन्मदिन पर सपा संकल्प लेती है कि पार्टी ऐसे सभी वर्गों को उनका हक सम्मान और अधिकार की लड़ाई लड़ती रहेगी। 

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