नेपाल बस हादसा: दुर्घटना में मारे गए 27 शवों को वायु सेना के विमान से लाया जाएगा नासिक, पोस्टमार्टम जारी

Edited By Ramkesh,Updated: 24 Aug, 2024 12:58 PM

the bodies of 27 people killed in the nepal bus accident will be brought to

नेपाल में बस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 27 भारतीय तीर्थयात्रियों का पोस्टमार्टम शनिवार को बागमती प्रांत के एक अस्पताल में किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना का एक विमान नेपाल में एक बस दुर्घटना में मारे गए महाराष्ट्र के तीर्थयात्रियों के शव शनिवार...

काठमांडू: नेपाल में बस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 27 भारतीय तीर्थयात्रियों का पोस्टमार्टम शनिवार को बागमती प्रांत के एक अस्पताल में किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना का एक विमान नेपाल में एक बस दुर्घटना में मारे गए महाराष्ट्र के तीर्थयात्रियों के शव शनिवार को नासिक लेकर आएगा। हालांकि गोरखपुर के ड्राइवर मुर्तजा और कुशीनगर के कंडक्टर रामजीत का शव वाहन से नेपाल भारत बॉर्डर से लाया जा रहा है।

 27 भारतीयों की हादसे में हुई है मौत
आप को बता दें कि मध्य नेपाल में एक भारतीय पर्यटक बस शुक्रवार को राजमार्ग से पलटकर 150 मीटर नीचे तेज बहाव वाली मर्स्यांगदी नदी में गिर गई, जिससे कम के कम 27 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए। बागमती प्रांत के चितवन जिले में भरतपुर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। खबर में पुलिस उपाधीक्षक दीपक राय के हवाले से कहा गया है कि पोस्टमार्टम के लिए शवों को अन्बू खैरेनी अस्पताल से चितवन ले जाया गया। महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को मुंबई में एक विज्ञप्ति में बताया कि भारतीय वायु सेना का एक विमान शवों को आज नासिक लाएगा।

 चालक और परिचालक की हादसे में हुई है मौत
पुलिस के अनुसार, यह घटना नेपाल के चितवन जिले में अन्बू खैरेनी इलाके में दोपहर को हुई। यह बस गोरखपुर से थी और इसमें चालक और दो सहायकों समेत 43 यात्री सवार थे। बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी। नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के उप प्रवक्ता शैलेंद्र थापा ने कहा कि 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि 11 लोगों की उपचार के दौरान मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि घायल हुए 16 लोगों को विमान से काठमांडू लाया गया और उन्हें त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हादसे की वजह का अभी पता नहीं चला है। दुर्घटना स्थल काठमांडू से करीब 90 किलोमीटर पश्चिम में राष्ट्रीय राजधानी पर स्थित है।

10-दिवसीय यात्रा पर गये थे 104 भारतीय
उत्तर प्रदेश की नंबर प्लेट वाली बस मर्स्यांगदी नदी के किनारे ऊंचाई पर स्थित एक सड़क से करीब 150 मीटर नीचे गिरी। बस को एक क्रेन की सहायता से बाहर निकाला जाएगा। खबर के मुताबिक, बस में सवार यात्री 104 भारतीय तीर्थयात्रियों के एक समूह का हिस्सा थे, जो दो दिन पहले हिमालयी देश की 10-दिवसीय यात्रा के लिए तीन बसों में सवार होकर महाराष्ट्र से नेपाल पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले मुंबई से 470 किलोमीटर दूर जलगांव जिले के वरणगांव, दरियापुर, तलवेल और भुसावल से थे।

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर जताया दुख
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स' पर एक संदेश में यात्रियों की मौत पर शोक जताया। राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त और काठमांडू में भारतीय दूतावास के संपर्क में है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने कहा कि तीर्थयात्रियों का यह समूह चार दिन पहले अयोध्या गया था। जलगांव से ताल्लुक रखने वाले खडसे ने  बताया कि वह हादसे के बारे में पता लगने के बाद मृतकों और घायलों के परिवारों से मिले।


 उन्होंने बताया कि उनकी बहू एवं केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे काठमांडू जाएंगी। उन्हें शवों तथा घायलों को वापस लाने के अभियान की निगरानी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से काठमांडू जाने की अनुमति मिल गयी है। महाराष्ट्र सरकार ने जलगांव के 16 मृतकों की शिनाख्त रामजीत उर्फ मुन्ना, सरला राणे (42), भारती जावड़े (62), तुलसीराम तावडे (62), सरला तावडे (62), संदीप सरोद (45), पल्लवी सरोद (43), अनूप सरोद (22), गणेश भराम्बे (40), नीलिमा धांडे (57), पंकज भांगडे (45), परी भराम्बे (8), अनिता पाटिल, विजय झावडे (50), रोहिणी झावडे (51) और प्रकाश कोडी के रूप में की है। 

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