Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Aug, 2023 05:36 PM

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पदभार संभालने के करीब 10 महीने बाद रविवार को कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन किया जिसमें उनके साथ पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई...
लखनऊ: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पदभार संभालने के करीब 10 महीने बाद रविवार को कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन किया जिसमें उनके साथ पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। हालांकि पार्टी शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को इसमें स्थान नहीं दिया गया है। अध्यक्ष पद के चुनाव में खरगे को चुनौती देने वाले लोकसभा सदस्य शशि थरूर और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को इस कार्य समिति में शामिल किया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल खाबरी को कार्य समिति में जगह नहीं दी गई है।

कांग्रेस कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य (चार पदेन सदस्यों समेत) शामिल किए गए हैं। कांग्रेस के चारों अग्रिम संगठनों-युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और सेवा दल के प्रमुख कार्यसमिति में पदेन सदस्य होते हैं। कांग्रेस ने इस साल फरवरी में रायपुर के महाधिवेशन में अपने संविधान में संशोधन किया था जिसके अनुसार, कार्यसमिति के सदस्यों की संख्या 23 से बढ़ाकर 35 कर दी गई थी। कांग्रेस के संविधान में यह प्रावधान भी है कि पार्टी अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और पार्टी से संबंधित मौजूदा या पूर्व प्रधानमंत्री कार्यसमिति के स्वतः सदस्य होते हैं।
कार्यसमिति में इस बार किसी मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया
कार्यसमिति में इस बार कांग्रेस शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है। पहले सामान्यतः कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से वरिष्ठ नेताओं को कार्य समिति समिति में स्थान दिया जाता रहा है। मौजूदा समय में कांग्रेस की चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में सरकारें हैं। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की गिनती पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में होती है।

कार्यसमिति में जिन 39 सदस्यों को शामिल किया गया, उनमें सिर्फ तीन नेता ही 50 वर्ष से कम उम्र के
कांग्रेस ने उदयपुर के अपने 'चिंतन शिविर' और रायपुर के महाधिवेशन में भले ही संगठन के सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के नेताओं को देने (50 अंडर 50) के फार्मूले की बात की हो, लेकिन इस कार्यसमिति में जिन 39 सदस्यों को शामिल किया गया, उनमें सिर्फ तीन नेता ही 50 वर्ष से कम उम्र के हैं। ये राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल हैं। जहां पायलट 46 वर्ष के हैं, वहीं गौरव गोगोई 43 और कमलेश्वर पटेल 49 साल के हैं। कार्य समिति में शामिल प्रमुख चेहरा राहुल गांधी 53 साल के हैं, तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा 51 साल की हैं।
कार्यसमिति में कुल 15 महिलाओं में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को भी स्थान मिला-
कार्यसमिति में कुल 15 महिलाओं को स्थान मिला है। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, कुमारी सैलजा, अंबिका सोनी, मीरा कुमार और दीपा दासमुंशी को बतौर सदस्य इस नयी कार्यसमिति में शामिल किया गया है। प्रतिभा सिंह, मीनाक्षी नटराजन, फूलो देवी नेताम और रजनी पाटिल स्थायी आमंत्रित सदस्य होगी। यशोमती ठाकुर, सुप्रिया श्रीनेत, परिनीति शिंदे, अलका लांबा और नेटा डिसूजा कार्य समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाई गई है। पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, वरिष्ठ नेता मीरा कुमार और कुमारी सैलजा कांग्रेस की कार्य समिति में प्रमुख दलित चेहरे हैं।