Edited By Ajay kumar,Updated: 13 Jun, 2020 05:58 PM

कोरोना महामारी से देशभर में जारी लॉकडाउन की वजह से कई लोगों पर रोजी रोटी का संकट मंडऱाने लगा है तो कईयों ने आत्महत्या तक कर ली है। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है।
लखनऊ: कोरोना महामारी से देशभर में जारी लॉकडाउन की वजह से कई लोगों पर रोजी रोटी का संकट मंडऱाने लगा है तो कईयों ने आत्महत्या तक कर ली है। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है। यहां एक कुरियर कंपनी में काम कर रहे 25 वर्षीय युवक की गाड़ी पुलिस ने सीज की तो कंपनी ने भी उसे काम से निकाल दिया। कंपनी की असंवेदनशीलता से दुखी होकर युवक ने आत्महत्या कर लिया।
परिजनों का कहना है कि आदित्य को गम तो इस बात का था की पुलिस द्वारा गाड़ी सीज होने के कारण उसके पास गाड़ी नहीं थी। गाड़ी न होने की वजह से कुरियर कंपनी ने उसकी नौकरी छीन ली।
मृतक की बहन कीर्ति ने अनुसार लखनऊ हुसैगंज के छितवापुर इलाके में रहने वाला 25 वर्षीय आदित्य मिश्र एक कुरियर कंपनी में काम करता था। वैसे तो उसकी नौकरी डेस्क पर थी लेकिन लॉकडाउन के दौरान कम मैनपॉवर के चलते उसे फील्ड में लगा दिया गया था। कंपनी ने उसे बीते दो जून को गोमतीनगर में एक कुरियर देने को भेजा तो आदित्य मजबूरन गाड़ी लेकर निकला। गाड़ी में 2 लोगों को बैठे देख पुलिस ने बाइक गोमतीनगर फन मॉल के पास सीज कर दी।
गाड़ी सीज होने के बाद आदित्य उदास होकर घर वापस आ गया। वहीं कंपनी ने लॉकडाउन के दौरान 10 दिन छुट्टी पर रहो उसके बाद बुलाया जाएगा। बहन कीर्ति ने बताया कि जब आदित्य को बुलाया गया तो उससे इस्तीफा ले लिया गया। क्योंकि उसके पास अब बाइक नहीं तो उसका क्या काम है। घर में अकेला कमाने वाला आदित्य इस बात का गम सह नहीं पाया और उसने 9 जून को मौत को गले लगा लिया।
मृतक के पिता उमाशंकर ने बताया कि आदित्य गाड़ी सीज होने के बाद नौकरी जाने से बहुत ही आहत था। इसके बाद घर पर वह रोता रहा कई बार उसे समझाया कि दूसरी नौकरी मिल जाएगी। लेकिन वह कई बार समझाने पर भी नहीं माना। आखिऱ पता नहीं उसके दिमाग में क्या ऐसा हुआ जो उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। उसकी दो बहनें हैं वह अकेला बेटा था जो परिवार के गुजारा और कमाने का घर साधन पूरा करता था।