स्वामी प्रसाद मौर्य विवाद पर अखिलेश यादव ने तोड़ी चुप्पी, बोले- मैं खुद हूं शूद्र...

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Jan, 2023 11:07 AM

akhilesh yadav broke silence on swami prasad maurya

यूपी की सियासत में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर चर्चा जोरों पर है। इस पूरे विवाद पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है। उन्हों...

लखनऊ: यूपी की सियासत में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर चर्चा जोरों पर है। इस पूरे विवाद पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि वह खुद भी शुद्र हैं। धर्म और रामचरितमानस के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि हम भगवान श्री राम के विरोध में नहीं हैं और ना ही रामचरितमानस के, लेकिन जो चौपाई है उसे कोई पढ़कर सुनाए। मैं सदन में मुख्यमंत्री से भी कहूंगा कि वह सुनाएं। सीएम से सदन में पूछूंगा कि मैं शुद्र (Shudra) हूं या नहीं। 
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दरअसल, अखिलेश रविवार शाम कस्बा में आयोजित निजी कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। देर रात पहुंचे अखिलेश यादव ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा दमदारी से चुनाव लड़ेगी। अखिलेश ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश से भाजपा सरकार का सफाया होगा। भाजपाई गांव-गरीब की बहुत बात करते हैं, इनके शासनकाल में हर वर्ग परेशान है। बेरोजगारी चरम पर है। किसी भी पढ़े-लिखे नौजवान को नौकरी नहीं मिल रही है। अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार ने सिर्फ जगहों के नाम बदलने का काम किया है, जिसमें केंद्र सरकार भी शामिल है। उन्होंने मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया है।
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क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने? 

जानने योग्य है कि बीते दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया। जिसके बाद से वह संतों, नेताओं और हिन्दू संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है, क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की चौपाई है। इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।

ये भी पढ़ें... विवादों के बीच अखिलेश ने स्‍वामी प्रसाद मौर्य का सपा में बढ़ाया कद, बनाया राष्ट्रीय महासचिव

विवादों के बीच सपा ने मौर्य को बनाया राष्ट्रीय महासचिव
वहीं इस विवाद के बीच समाजवादी पार्टी ने रविवार नई कार्यकारिणी की लिस्ट जारी कर सबको चौंका दिया है। सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। जिसके बाद बीजेपी अखिलेश यादव पर हमलावर हो गई है। विवादों के बीच कार्यकारिणी की लिस्ट में स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम शामिल होना ये बताता है कि समाजवादी पार्टी को कहीं न कहीं मौर्य के बयान से कोई आपत्ति नहीं है।


 

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