रोजगार देने के लिए क्या कर रही है बिहार सरकार, आईए जानते हैं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार से

Edited By Nitika,Updated: 29 May, 2020 06:39 PM

कोरोना महामारी के बाद हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर की तरफ लौटे हैं। इसमें बिहार में भी मजदूरों के लौटने की संख्या लाखों में हैं। बिहार सरकार घर लौट रहे मजदूरों के लिए क्या कर रही है, इसे बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार हमसे साझा करेंगे।

 

पटनाः कोरोना महामारी के बाद हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर की तरफ लौटे हैं। इसमें बिहार में भी मजदूरों के लौटने की संख्या लाखों में हैं। बिहार सरकार घर लौट रहे मजदूरों के लिए क्या कर रही है, इसे बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार हमसे साझा करेंगे।

प्रश्नः- सरकार मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए क्या कर रही है?
उत्तरः- कोरोना से बचाने के लिए राज्य सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया। पल्स पोलियो अभियान के तहत 10 करोड़ 48 लाख 88 हजार लोगों का स्क्रिनिंग करवाई। उसी तरह से डोर टू डोर भी स्क्रिनिंग करवाई जा रही है। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। इसके साथ ही जो प्रवासी क्वारंटाइन सेंटर में जा रहे हैं, उन्हें स्किल के आधार पर वर्गीकृत किया जा रहा है।

प्रश्नः- क्वारंटाइन सेंटर में दिख रही अव्यवस्था को लेकर सरकार क्या कर रही है?
उत्तरः- बिहार में 13 हजार 978 क्वारंटाइन सेंटर कार्यरत हैं। यह सरकार की प्रशासनिक जिम्मेदारी है। जनसंख्या के अनुपात के अनुसार, कुछ घटनाएं होना स्वाभाविक भी है।

प्रश्नः- घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के आगे रोजी रोटी का संकट पैदा होगा, इसके लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है?
उत्तरः- बिहार में छोटी-छोटी कई तरह की योजनाओं पर काम होता है। अकुशल मजदूरों का लिए अलग से सूचीकरण किया गया है। कई लोग मधुबनी पेंटिग आदि बनाते हैं। वह लोग बिहार में रहना चाहते हैं, हम उनके श्रम का इस्तेमाल करेंगे। साथ ही राज्य में 4 लाख 24 हजार 432 योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि इतने मजदूरों को रोजगार देना हमारे लिए चुनौती है लेकिन हम अपनी इच्छाशक्ति से इसे पूर्ण करेंगे।

प्रश्नः- गोपालगंज में जो घटना घटी है, उसके बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है, उद्योगपति वहां पर जाने से डरेंगे, इसके लिए आप क्या करेंगे? 
उत्तरः- विपक्ष को कोरोना से नहीं हमसे लड़ना है। उन्हें बिहार की छवि को खराब करना है। इनको जनकी के बुनियादी मुद्दों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये खुद तो कोविड-19 के दौर पर प्रवास करते रहे हैं।

प्रश्नः- तेजस्वी यादव को गोपालगंज जाने से क्यों रोका गया?
उत्तरः- गोपालगंज में 100 से अधिक केस हो गए हैं। अगर तेजस्वी वहां पर जाएंगे तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे होगा। विपक्ष व्यक्तिगत जीवन में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कर रहा है।

प्रश्नः- क्या सरकार के नियमों को तोड़ना विपक्ष की मंशा है?
उत्तरः- विपक्ष के नेता खुद सुरक्षित रहना चाहते हैं लेकिन दल के नेता को संक्रमण फैल जाए, इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर तेजस्वी को जाना था तो परमिशन के लिए प्रार्थना पत्र की मांग करते। आपदा में एक्ट का प्रावधान भी है।

प्रश्नः- प्रवासियों की सरकार स्किल मैपिंग कर रहे हैं। अनस्किल्ड लेबर को स्किलड बनाने के लिए क्या सरकार कोई योजना बना रही है?
उत्तरः- प्रवासियों का बैंक अकाउंट खुलवाना, राशन कार्ड, पीएम योजना और 3 महीने की राशन की व्यवस्था करना आदि काम सरकार कर रही है। साथ ही स्किल लेबर को उनके अनुरूप कार्य दिया जाएगा। प्रवासियों को सरकार की योजना का लाभ मिले, उनके मन के अंदर असुरक्षा का भाव पैदा न हो। इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
 

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