Edited By Deepika Rajput,Updated: 31 Aug, 2019 01:36 PM
आपराधिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटने वाली पुलिस मददगार के तौर पर भी अपनी छवि को निखारने में लगी है। इसका ताजा उदाहरण अलीगढ़ में देखने को मिला है। यहां बिहार की रहने वाली एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 8 महीने बाद उसके बच्चों से मिलाकर पुलिस ने फिर...
अलीगढ़ः आपराधिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटने वाली पुलिस मददगार के तौर पर भी अपनी छवि को निखारने में लगी है। इसका ताजा उदाहरण अलीगढ़ में देखने को मिला है। यहां बिहार की रहने वाली एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 8 महीने बाद उसके बच्चों से मिलाकर पुलिस ने फिर दिल जीतने वाला काम किया है।
एसपी (ग्रामीण) मणिलाल पाटीदार ने बताया कि बिहार के छपरा की रहने वाली बुजुर्ग महिला दिल्ली जाते समय रेलवे स्टेशन पर अपने परिवार से बिछड़ गई थी। वह किसी तरह छर्रा के वृद्धा आश्रम में पहुंच गई। पुलिस ने छपरा से सभी थानों में संपर्क किया तो पता चला कि बुजुर्ग महिला भगवानपुर गांव की रहने वाली है। महिला भोजपुरी बोलती थी और वृद्धाश्रम में किसी को भाषा नहीं आती थी लिहाजा एक इंस्पेक्टर उनके संपर्क में थे।
वहीं इस दौरान इन्होंने अपने गांव की जानकारी दी। इसके बाद गांव में महिला की तस्वीर भेजकर पूछताछ कराई गई तो इनके बेटे ने इन्हें पहचान लिया। महिला का बेटा उन्हें लेने आया और पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।