संभवत: भारी बारिश और 4 दशकों में तापमान में वृद्धि के कारण हुआ उत्तराखंड हादसा

Edited By Nitika,Updated: 07 Mar, 2021 12:02 PM

uttarakhand accident due to heavy rains and rise in temperature in 4 decades

इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) के एक अध्ययन के अनुसार चमोली क्षेत्र में 4 से 6 फरवरी के बीच भारी वर्षा और पिछले 4 दशकों में उत्तराखंड के तापमान में वृद्धि के कारण संभवत: चट्टानों के टूटने से पिछले महीने राज्य में...

 

नई दिल्ली/देहरादूनः इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) के एक अध्ययन के अनुसार चमोली क्षेत्र में 4 से 6 फरवरी के बीच भारी वर्षा और पिछले 4 दशकों में उत्तराखंड के तापमान में वृद्धि के कारण संभवत: चट्टानों के टूटने से पिछले महीने राज्य में अचानक बाढ़ की विभीषिका पैदा हुई।

काठमांडू स्थित इस संस्थान की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की गई। इसके अनुसार जिस स्थान से चट्टानों के टूटने की शुरुआत हुई थी, वहां पहले ही दरार बन गई थी। रिपोर्ट के अनुसार इन पत्थरों के साथ मिट्टी और बर्फ के भी खिसकने से अचानक बाढ़ की समस्या पैदा हुई। 1.6 किमी सीधे क्षेत्र में पत्थरों के गिरने से गतिज ऊर्जा पैदा हुयी जिससे बर्फ को पिघलने के लिए पर्याप्त गर्मी मिली। इससे पैदा मलबा ऋषिगंगा नदी में गिरा, जिससे नदी का पानी और आगे बढ़ गया। हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 72 शव और मानव शरीर के 30 अंग मिल चुके हैं। उनमें से 41 शवों की पहचान कर ली गई है। 132 लोग अब भी लापता हैं।

क्षेत्रीय संगठन आईसीआईएमओडी हिमालयन-हिंदुकुश क्षेत्र में विभिन्न पहलुओं पर काम करता है। इसके 8 सदस्यों में भारत, चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल शामिल हैं। इसकी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 4 से 6 फरवरी के बीच कश्मीर और उत्तर-पश्चिम भारत से मजबूत पश्चिमी विक्षोभ गुजरा। इस वजह से भारी बारिश हुयी। उत्तराखंड त्रासदी 7 फरवरी को हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में तापमान भी बढ़ रहा है और चमोली क्षेत्र में 1980 और 2018 के बीच अधिकतम तापमान में प्रति वर्ष 0.032 डिग्री सेल्सियस की दर से वृद्धि हुई है।

इसके अलावा, जनवरी 2021 पिछले 6 दशकों में उत्तराखंड में सबसे गर्म जनवरी का महीना था। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि एक विशाल चट्टान के टूटने से भारी मात्रा में मिट्टी और बर्फ नीचे आई और संभवत: इससे अचानक बाढ़ आई। मलबे के कारण ऋषिगंगा नदी की एक धारा का मुंह भी अवरुद्ध हो गया, जिससे एक हिमनदी झील बन गई। उस झील की निरंतर निगरानी की जा रही है।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!