इस युवक ने लिख डाली थी वाजपेयी की कविता की कुछ पंक्तियां, भारत रत्न हुए थे खुश

Edited By Nitika,Updated: 18 Aug, 2018 02:47 PM

atal ji went to rudrapur for the promotion of bjp

उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में भाजपा के प्रचार-प्रसार के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आए थे। इस दौरान एक युवक की किताब पर अटल जी ने अपनी कविताओं की कुछ पंक्तियों को लिखा।

रुद्रपुरः उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में भाजपा के प्रचार-प्रसार के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आए थे। इस दौरान एक युवक की किताब पर अटल जी ने अपनी कविताओं की कुछ पंक्तियों को लिखा। 
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जानकारी के अनुसार, वाजपेयी ने 1980 में जनसंघ से अलग होकर भाजपा संगठन बनाया था। इस दौरान वह साल 1981 में देशव्यापी दौरे पर थे। अटल जी बाजपुर में सभा को संबोधित करने के बाद रुद्रपुर गए। इस बीच 22 साल के युवक पवन अग्रवाल ने कलम और डायरी देकर अटल जी से अपनी कविता की कुछ पंक्तियां लिखने का आग्रह किया लेकिन अटल जी ने उस युवक को भी मना कर दिया। इसके बाद कार्यकर्त्ता के द्वारा बताया गया कि यह आपकी कविताओं का प्रशंसक है।

इसके बाद अटल जी ने युवक को पास बुलाकर पूछा कि आपको मेरी कोई कविता याद है। इस पर युवक ने डायरी में मैं रो लेता जब आसपास कोई नहीं होता, दूर कहीं कोई रोता है, मैं भी रोता आसपास...कविता की पंक्ति लिख डाली। इसके बाद युवक ने डायरी अटल जी को थमा दी। अटल जी उन पंक्तियों को पढ़कर बहुत खुश हुए और उन्होंने आगे लिखा- मैं भी रोता आसपास जब कोई कहीं नहीं होता है। 

बता दें कि पवन अग्रवाल 59 साल की उम्र के हो चुके हैं। उन्होंने आज तक भी अटल की याद को संभाल कर रखा है। अटल जी की मौत की खबर पर वह बेहद भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि अटल जी जैसी शख्सियत का निधन राजनीति के साथ-साथ देश के लिए अपूर्ण क्षति है।  

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