Edited By Ramkesh,Updated: 03 Feb, 2025 07:07 PM
राष्ट्रीय खेल तकनीकी आचरण समिति (जीटीसीसी) ने ‘प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ही 16 वजन श्रेणियों में से 10 के परिणाम तय करने‘ के आरोप झेल रहे ताइक्वांडो के प्रतियोगिता निदेशक को बदल दिया है। जीटीसीसी ने तीन सदस्यीय प्रतिस्पर्धा निवारण समिति...
देहरादून: राष्ट्रीय खेल तकनीकी आचरण समिति (जीटीसीसी) ने ‘प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ही 16 वजन श्रेणियों में से 10 के परिणाम तय करने‘ के आरोप झेल रहे ताइक्वांडो के प्रतियोगिता निदेशक को बदल दिया है। जीटीसीसी ने तीन सदस्यीय प्रतिस्पर्धा निवारण समिति (पीएमसीसी) द्वारा की गई ‘कड़ी सिफारिशों' के बाद टी प्रवीण कुमार की जगह एस दिनेश कुमार को प्रतिस्पर्धा के नये निदेशक के रूप में नामित किया है। जीटीसीसी की अध्यक्ष सुनैना कुमारी ने कहा कि पीएमसीसी की सिफारिशें स्वीकार कर ली गई हैं।
सुनैना ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम पीएमसी समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखें और राष्ट्रीय खेलों उत्तराखंड की अखंडता को बनाये रखे।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रतियोगिता के पूर्व निदेशक के खिलाफ शिकायतें मिलने के अलावा हम यह जानकर भी हैरान हैं कि उन्होंने खेल विशेष स्वयंसेवकों के चयन परीक्षणों के लिए कुछ राज्य संघों के पदाधिकारियों और कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ-साथ उपकरण विक्रेताओं को भी नामित किया था।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने जीटीसीसी के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘सभी हितधारकों के लिए खेल की भावना को बनाए रखना और सभी प्रतिभागियों को देश के सबसे बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मौका देना महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यह चौंकाने वाला और दुखद है कि राष्ट्रीय खेलों के पदकों का फैसला कथित तौर पर प्रतियोगिताओं की शुरुआत से पहले ही खेल के मैदान से दूर किया गया।'' उन्होंने इस बयान में कहा, ‘‘ आईओए में हम अपने खिलाड़ियों के प्रति निष्पक्ष रहने के साथ साथ प्रतिस्पर्धा में हेरफेर करने और राष्ट्रीय खेलों की छवि खराब करने वाले लोगों से उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यहां जारी बयान के मुताबिक पीएमसी समिति को पता चला कि भारतीय ताइक्वांडो महासंघ द्वारा नियुक्त कुछ अधिकारी ‘प्रतियोगिता शुरू होने से बहुत पहले 16 वजन श्रेणियों में से 10 में' मैचों के नतीजे तय कर रहे थे। आईओए को मिली जानकारी के मुताबिक, ‘‘स्वर्ण पदक के लिए तीन लाख रुपये की मांग की गयी थी जबकि रजत पदक के लिए दो लाख और कांस्य पदक के लिए एक लाख रुपये की मांग की गयी थी। ताइक्वांडो की कुल 16 क्योरूगी और 10 पूमसे प्रतियोगिताएं चार से आठ फरवरी तक हल्द्वानी में होंगी।