Edited By Ajay kumar,Updated: 28 Sep, 2023 07:14 PM

राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को बड़ा तोहफा दिया है। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की ओर से संचालित राज्य छात्रवृत्ति योजनाओं में पारदर्शिता, प्रक्रियाओं का सरलीकरण व प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने नियमावली में महत्वपूर्ण...
लखनऊ: राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को बड़ा तोहफा दिया है। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की ओर से संचालित राज्य छात्रवृत्ति योजनाओं में पारदर्शिता, प्रक्रियाओं का सरलीकरण व प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने नियमावली में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं।

शिक्षण संस्थाओं के लिए की गई कोड की अनिवार्यता
संशोधित नियमावली के तहत अब मेरिट के आधार पर वरीयता प्रणाली को लागू किया जा रहा है। इसमें आधार वेरिफिकेशन और आधार बेस्ट पेमेंट सिस्टम (डीबीटी) प्रणाली के जरिए भुगतान किए जाने की व्यवस्था की गई है। शिक्षण संस्थाओं के लिए कोड की अनिवार्यता की गई है। दशमोत्तर के विभिन्न कोर्स ग्रुप के लिए बजट का अनुपातिक रूप से निर्धारण किया गया है, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को अधिक संख्या में लाभान्वित किया जा सके। शासन के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में प्रचलित व्यवस्था में रिन्यूअल कैटेगरी के आवेदकों को प्राथमिकता व वरीयता दिए जाने के कारण उच्चतर मेधा वाले नई कैटेगरी के आवेदक लाभान्वित होने से वंचित रह जाते थे। नई नियमावली में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों की उच्च मेधा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मेरिट आधारित प्रणाली को लागू किया गया है, जिससे अभ्यर्थियों के चयन में पारदर्शिता भी आएगी।

डिजिटल हस्ताक्षर से होगा अभ्यर्थियों का सत्यापन
योजना के अंतर्गत पारदर्शिता सुनिश्चित करने और उत्तरदायित्व निर्धारित करने के उद्देश्य से शिक्षण संस्थाओं के प्रमुखों और नोडल अफसरों द्वारा अपने डिजिटल हस्ताक्षर से अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जाएगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा डिस्ट्रिक्ट नोडल आफिसर के रूप में सत्यापन के बाद उन्हें जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।