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International Women's Day : वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई पार्क में महिलाओं को कराया गया योगा, स्वास्थ्य के प्रति किया जागरूक

Edited By Purnima Singh,Updated: 08 Mar, 2025 01:46 PM

yoga was conducted for women in veerangana rani laxmibai park

हर वर्ष की तरह महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं की उपलब्धियां का सम्मान करने का दिन है, जिन्होंने इतिहास को आकार दिया और भविष्य को प्रेरित करना जारी रखा है। राष्ट्रीय महिला दिवस पर पूरी दुनिया...

झांसी (शहजाद खान) : हर वर्ष की तरह महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं की उपलब्धियां का सम्मान करने का दिन है, जिन्होंने इतिहास को आकार दिया और भविष्य को प्रेरित करना जारी रखा है। राष्ट्रीय महिला दिवस पर पूरी दुनिया में कई प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं। हर महिला अपनी ताकत और अनुग्रह के माध्यम से दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की शक्ति रखती है। 

8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के अधिकारों समानता और सशक्तिकरण के लिए मनाया जाता है। आज यानी 8 मार्च 2025 दिन शनिवार को झांसी के वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई पार्क में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को आज योगाचार्य ऋतु जैन द्वारा योग कराया गया। परिवार एवं समाज की जिम्मेदारी के साथ महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके बाद महिलाओं का सम्मान भी किया गया है।

एसपी सिटी की पत्नि ने पुरूषों को भी दी बधाई
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह की पत्नी रूबी सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को बधाई देने के साथ-साथ उन्होंने सभी पुरुषों को भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी है। रूबी सिंह का कहना है कि बिना पुरुष के कोई स्त्री नहीं है। पुरुषों का भी उतना ही योगदान है। ऐसा नहीं है की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है तो उन्हीं के लिए यह दिवस है। सारे पुरुषों को भी मैं बधाई देता हूं। उन्होंने पुरुषों को बधाई देते हुए भगवान श्री राम जी का एक वाक्य भी बताया है।

कैसे हुई महिला दिवस की शुरुआत 
महिला दिवस की शुरुआत 1908 में न्यूयॉर्क में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन से हुई थी। यह दिन महिलाओं की उपलब्धियां को सम्मान देने और लैंगिक समानता की दिशा में आगे बढ़ने का प्रतीक है। महिला दिवस की शुरुआत 1908 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से हुई,जब ढेरो महिलाओं ने वोट देने के अधिकार, कम काम के घंटे और बेहतर वेतन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। जब यह प्रदर्शन किया गया तो यह पहली बार था कि महिलाओं की हक में इतनी बड़ी आवाज उठाई गई।

भारत में कैसे हुई इसकी शुरुआत 
भारत में भी इसकी शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में हुई। भारत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1975 में आधिकारिक रूप से मनाया गया। जब संयुक्त राष्ट्र यूएन ने इसे वैश्विक रूप से मान्यता दी। हालांकि भारत में महिलाओं के अधिकारों और समानता को लेकर जागरूकता पहले से ही बढ़ रही थी। ऐसा हम इसलिए है क्योंकि 20वीं सदी में सावित्री बाई फुले, सरोजिनी नायडू और अन्य महिला नेताओं ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इसलिए आज भारत में हर जगह चाहे वह सरकारी हो या फिर गैर सरकारी संस्थाएं हो, कॉरपोरेट सेक्टर हो या फिर सामाजिक संगठन हो, सभी जगह 8 मार्च को महिला दिवस बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है, जिसमें महिलाओं की उपलब्धियां का जश्न और लैंगिक समानता पर चर्चा की जाती है।

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