योगी सरकार 1700 गांवों में कराएगी चकबंदी, जान ले पूरा मामला, नहीं तो...
Edited By Ramkesh,Updated: 27 Feb, 2025 05:42 PM
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उत्तर प्रदेश की योगी गांव में जमीनी विवादों को कम और विवादों को पारदर्शी समाधान को लेकर सख्त है। इसी कड़ी में सरकार प्रदेश में1,700 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए निदेशालय ने अप्रैल से इस अभियान को लागू करने की योजना बनाई है। इस...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी गांव में जमीनी विवादों को कम और विवादों को पारदर्शी समाधान को लेकर सख्त है। इसी कड़ी में सरकार प्रदेश में1,700 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए निदेशालय ने अप्रैल से इस अभियान को लागू करने की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत सिर्फ उन्हीं गांवों को शामिल किया जाएगा। जिनमें 50% से अधिक किसानों ने चकबंदी के लिए अपनी सहमति दी होगी। इसके लिए चकबंदी निदेशालय ने सभी जिलाधिकारियों को समय रहते सारी आवश्यक तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया है। ऐसा करने से इस अभियान के दौरान किसी भी तरह की रुकावट नहीं आएगी। बता दें कि इसके अलावा अभियान शुरू होने के बाद हर महीने की 10 तारीख तक डीएम को चकबंदी आयुक्त को समीक्षा रिपोर्ट भी भेजनी होगी।
विवादों का पारदर्शी समाधान
किसानों की जमीन से जुड़े विवादों का समाधान करने के लिए समीक्षा प्रक्रिया को स्पष्ट कर दिया गया है। योगी सरकार की ओर से निष्पक्ष और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा प्रक्रिया को स्पष्ट कर दिया गया है। इसमें भूचित्र का पुनरीक्षण, भूमि की पड़ताल, विनिमय प्रारूप निर्धारण, चकबंदी योजना का प्रकाशन, अवशेष वादों का विवरण, कब्जा परिवर्तन, आपत्तियों और अपीलों की स्थिति तथा अंतिम अभिलेख की तैयारी जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं शामिल होंगी। गौरतलब है कि, वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 207 गांवों में चकबंदी का कार्य पूरा किया जा चुका है, जबकि पिछले वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 781 गांवों तक पहुंचा था प्रदेश में चकबंदी अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कड़े प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसानों को अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित भूमि व्यवस्था मिल सके।
घरौनी योजना के तहत लोगों को दिलाया मालिकाना हक
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से पीएम स्वामित्व योजना के तहत लोगों को उनके आवास का मालिकाना हक प्रदान किया गया है। इसी तर्ज पर यूपी सरकार की ओर से घरौनी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत हर मकान का यूनिक आईडी नंबर दर्ज होगा। यह आईडी नंबर 13 अंकों का होगा। इसमें पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। वहीं अगले पांच अंक आबादी के प्लॉट नंबर को दर्शाएंगे एवं आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे। इस यूनिक आईडी को प्राप्त करके ग्रामीण अपने मकान का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत आपको बकायदा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा जो यह बताएगा कि अमुक मकान आपका है और आप ही इसके असली हकदार या मालिक है।