Edited By Umakant yadav,Updated: 13 Oct, 2020 05:04 PM
उत्तर प्रदेश में हाथरस के पीड़ित परिवार ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने के बाद देर रात अपने गांव हाथरस पहुंच गए। इस बीच पीड़ित परिवार ने मंगलवार को...
हाथरस: उत्तर प्रदेश में हाथरस के पीड़ित परिवार ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने के बाद देर रात अपने गांव हाथरस पहुंच गए। इस बीच पीड़ित परिवार ने मंगलवार को कहा कि, “ जब तक न्याय नहीं मिलेगा वे अपनी बेटी की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे।”
बता दें कि पत्रकारों से बातचीत में पीड़िता के पिता ने कहा कि, ‘‘ हमने न्यायालय के आदेश पर अपना बयान दर्ज कराया है। हालाँकि, अंग्रेजी में बातचीत चल रही थी और हम ज्यादा समझ नहीं सकते थे, लेकिन हम यह बता सकते थे कि न्यायालय हाथरस जिला प्रशासन से खुश नहीं था। हम अब न्याय चाहते हैं, जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा बेटी की अस्थि को विसर्जित नहीं करेंगे।''
पीड़िता के भाई, जो राष्ट्रीय राजधानी से लौटने पर न्यायलय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए लखनऊ गया था, ने कहा, ‘‘ न्यायालय में हमारी बहन के दाह संस्कार से संबंधित प्रश्न पूछे थे। न्यायालय ने यह भी पूछा कि क्या हमारी इच्छा के अनुसार दाह संस्कार किया गया था। यह सुनवाई लगभग एक घंटे तक चली और अधिकांश बातचीत अंग्रेजी में हुई, लेकिन न्यायालय निश्चित रूप से जिलाधिकारी से खुश नहीं था।''